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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5329 | 69 | 6 | وأما عاد فأهلكوا بريح صرصر عاتية |
| | | रहे आद तो वह बहुत शदीद तेज़ ऑंधी से हलाक कर दिए गए |
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5330 | 69 | 7 | سخرها عليهم سبع ليال وثمانية أيام حسوما فترى القوم فيها صرعى كأنهم أعجاز نخل خاوية |
| | | ख़ुदा ने उसे सात रात और आठ दिन लगाकर उन पर चलाया तो लोगों को इस तरह ढहे (मुर्दे) पड़े देखता कि गोया वह खजूरों के खोखले तने हैं |
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5331 | 69 | 8 | فهل ترى لهم من باقية |
| | | तू क्या इनमें से किसी को भी बचा खुचा देखता है |
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5332 | 69 | 9 | وجاء فرعون ومن قبله والمؤتفكات بالخاطئة |
| | | और फिरऔन और जो लोग उससे पहले थे और वह लोग (क़ौमे लूत) जो उलटी हुई बस्तियों के रहने वाले थे सब गुनाह के काम करते थे |
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5333 | 69 | 10 | فعصوا رسول ربهم فأخذهم أخذة رابية |
| | | तो उन लोगों ने अपने परवरदिगार के रसूल की नाफ़रमानी की तो ख़ुदा ने भी उनकी बड़ी सख्ती से ले दे कर डाली |
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5334 | 69 | 11 | إنا لما طغى الماء حملناكم في الجارية |
| | | जब पानी चढ़ने लगा तो हमने तुमको कशती पर सवार किया |
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5335 | 69 | 12 | لنجعلها لكم تذكرة وتعيها أذن واعية |
| | | ताकि हम उसे तुम्हारे लिए यादगार बनाएं और उसे याद रखने वाले कान सुनकर याद रखें |
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5336 | 69 | 13 | فإذا نفخ في الصور نفخة واحدة |
| | | फिर जब सूर में एक (बार) फूँक मार दी जाएगी |
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5337 | 69 | 14 | وحملت الأرض والجبال فدكتا دكة واحدة |
| | | और ज़मीन और पहाड़ उठाकर एक बारगी (टकरा कर) रेज़ा रेज़ा कर दिए जाएँगे तो उस रोज़ क़यामत आ ही जाएगी |
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5338 | 69 | 15 | فيومئذ وقعت الواقعة |
| | | और आसमान फट जाएगा |
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