نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5279 | 68 | 8 | فلا تطع المكذبين |
| | | तो तुम झुठलाने वालों का कहना न मानना |
|
5280 | 68 | 9 | ودوا لو تدهن فيدهنون |
| | | वह लोग ये चाहते हैं कि अगर तुम नरमी एख्तेयार करो तो वह भी नरम हो जाएँ |
|
5281 | 68 | 10 | ولا تطع كل حلاف مهين |
| | | और तुम (कहीं) ऐसे के कहने में न आना जो बहुत क़समें खाता ज़लील औक़ात ऐबजू |
|
5282 | 68 | 11 | هماز مشاء بنميم |
| | | जो आला दर्जे का चुग़लख़ोर माल का बहुत बख़ील |
|
5283 | 68 | 12 | مناع للخير معتد أثيم |
| | | हद से बढ़ने वाला गुनेहगार तुन्द मिजाज़ |
|
5284 | 68 | 13 | عتل بعد ذلك زنيم |
| | | और उसके अलावा बदज़ात (हरमज़ादा) भी है |
|
5285 | 68 | 14 | أن كان ذا مال وبنين |
| | | चूँकि माल बहुत से बेटे रखता है |
|
5286 | 68 | 15 | إذا تتلى عليه آياتنا قال أساطير الأولين |
| | | जब उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं तो बोल उठता है कि ये तो अगलों के अफ़साने हैं |
|
5287 | 68 | 16 | سنسمه على الخرطوم |
| | | हम अनक़रीब इसकी नाक पर दाग़ लगाएँगे |
|
5288 | 68 | 17 | إنا بلوناهم كما بلونا أصحاب الجنة إذ أقسموا ليصرمنها مصبحين |
| | | जिस तरह हमने एक बाग़ वालों का इम्तेहान लिया था उसी तरह उनका इम्तेहान लिया जब उन्होने क़समें खा खाकर कहा कि सुबह होते हम उसका मेवा ज़रूर तोड़ डालेंगे |
|