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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5219 | 65 | 2 | فإذا بلغن أجلهن فأمسكوهن بمعروف أو فارقوهن بمعروف وأشهدوا ذوي عدل منكم وأقيموا الشهادة لله ذلكم يوعظ به من كان يؤمن بالله واليوم الآخر ومن يتق الله يجعل له مخرجا |
| | | तो जब ये अपना इद्दा पूरा करने के करीब पहुँचे तो या तुम उन्हें उनवाने शाइस्ता से रोक लो या अच्छी तरह रूख़सत ही कर दो और (तलाक़ के वक्त) अपने लोगों में से दो आदिलों को गवाह क़रार दे लो और गवाहों तुम ख़ुदा के वास्ते ठीक ठीक गवाही देना इन बातों से उस शख़्श को नसीहत की जाती है जो ख़ुदा और रोजे अाख़ेरत पर ईमान रखता हो और जो ख़ुदा से डरेगा तो ख़ुदा उसके लिए नजात की सूरत निकाल देगा |
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5220 | 65 | 3 | ويرزقه من حيث لا يحتسب ومن يتوكل على الله فهو حسبه إن الله بالغ أمره قد جعل الله لكل شيء قدرا |
| | | और उसको ऐसी जगह से रिज़क़ देगा जहाँ से वहम भी न हो और जिसने ख़ुदा पर भरोसा किया तो वह उसके लिए काफी है बेशक ख़ुदा अपने काम को पूरा करके रहता है ख़ुदा ने हर चीज़ का एक अन्दाज़ा मुक़र्रर कर रखा है |
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5221 | 65 | 4 | واللائي يئسن من المحيض من نسائكم إن ارتبتم فعدتهن ثلاثة أشهر واللائي لم يحضن وأولات الأحمال أجلهن أن يضعن حملهن ومن يتق الله يجعل له من أمره يسرا |
| | | और जो औरतें हैज़ से मायूस हो चुकी अगर तुम को उनके इद्दे में शक़ होवे तो उनका इद्दा तीन महीने है और (अला हाज़ल क़यास) वह औरतें जिनको हैज़ हुआ ही नहीं और हामेला औरतों का इद्दा उनका बच्चा जनना है और जो ख़ुदा से डरता है ख़ुदा उसके काम मे सहूलित पैदा करेगा |
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5222 | 65 | 5 | ذلك أمر الله أنزله إليكم ومن يتق الله يكفر عنه سيئاته ويعظم له أجرا |
| | | ये ख़ुदा का हुक्म है जो ख़ुदा ने तुम पर नाज़िल किया है और जो ख़ुदा डरता रहेगा तो वह उसके गुनाह उससे दूर कर देगा और उसे बड़ा दरजा देगा |
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5223 | 65 | 6 | أسكنوهن من حيث سكنتم من وجدكم ولا تضاروهن لتضيقوا عليهن وإن كن أولات حمل فأنفقوا عليهن حتى يضعن حملهن فإن أرضعن لكم فآتوهن أجورهن وأتمروا بينكم بمعروف وإن تعاسرتم فسترضع له أخرى |
| | | मुतलक़ा औरतों को (इद्दे तक) अपने मक़दूर मुताबिक दे रखो जहाँ तुम ख़ुद रहते हो और उनको तंग करने के लिए उनको तकलीफ न पहुँचाओ और अगर वह हामेला हो तो बच्चा जनने तक उनका खर्च देते रहो फिर (जनने के बाद) अगर वह बच्चे को तुम्हारी ख़ातिर दूध पिलाए तो उन्हें उनकी (मुनासिब) उजरत दे दो और बाहम सलाहियत से दस्तूर के मुताबिक बात चीत करो और अगर तुम बाहम कश म कश करो तो बच्चे को उसके (बाप की) ख़ातिर से कोई और औरत दूध पिला देगी |
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5224 | 65 | 7 | لينفق ذو سعة من سعته ومن قدر عليه رزقه فلينفق مما آتاه الله لا يكلف الله نفسا إلا ما آتاها سيجعل الله بعد عسر يسرا |
| | | गुन्जाइश वाले को अपनी गुन्जाइश के मुताबिक़ ख़र्च करना चाहिए और जिसकी रोज़ी तंग हो वह जितना ख़ुदा ने उसे दिया है उसमें से खर्च करे ख़ुदा ने जिसको जितना दिया है बस उसी के मुताबिक़ तकलीफ़ दिया करता है ख़ुदा अनकरीब ही तंगी के बाद फ़राख़ी अता करेगा |
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5225 | 65 | 8 | وكأين من قرية عتت عن أمر ربها ورسله فحاسبناها حسابا شديدا وعذبناها عذابا نكرا |
| | | और बहुत सी बस्तियों (वाले) ने अपने परवरदिगार और उसके रसूलों के हुक्म से सरकशी की तो हमने उनका बड़ी सख्ती से हिसाब लिया और उन्हें बुरे अज़ाब की सज़ा दी |
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5226 | 65 | 9 | فذاقت وبال أمرها وكان عاقبة أمرها خسرا |
| | | तो उन्होने अपने काम की सज़ा का मज़ा चख लिया और उनके काम का अन्जाम घाटा ही था |
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5227 | 65 | 10 | أعد الله لهم عذابا شديدا فاتقوا الله يا أولي الألباب الذين آمنوا قد أنزل الله إليكم ذكرا |
| | | ख़ुदा ने उनके लिए सख्त अज़ाब तैयार कर रखा है तो ऐ अक्लमन्दों जो ईमान ला चुके हो ख़ुदा से डरते रहो ख़ुदा ने तुम्हारे पास (अपनी) याद क़ुरान और अपना रसूल भेज दिया है |
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5228 | 65 | 11 | رسولا يتلو عليكم آيات الله مبينات ليخرج الذين آمنوا وعملوا الصالحات من الظلمات إلى النور ومن يؤمن بالله ويعمل صالحا يدخله جنات تجري من تحتها الأنهار خالدين فيها أبدا قد أحسن الله له رزقا |
| | | जो तुम्हारे सामने वाज़ेए आयतें पढ़ता है ताकि जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करते रहे उनको (कुफ़्र की) तारिक़ियों से ईमान की रौशनी की तरफ़ निकाल लाए और जो ख़ुदा पर ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करे तो ख़ुदा उसको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं और वह उसमें अबादुल आबाद तक रहेंगे ख़ुदा ने उनको अच्छी अच्छी रोज़ी दी है |
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