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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
468 | 3 | 175 | إنما ذلكم الشيطان يخوف أولياءه فلا تخافوهم وخافون إن كنتم مؤمنين |
| | | यह (मुख्बिर) बस शैतान था जो सिर्फ़ अपने दोस्तों को (रसूल का साथ देने से) डराता है पस तुम उनसे तो डरो नहीं अगर सच्चे मोमिन हो तो मुझ ही से डरते रहो |
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469 | 3 | 176 | ولا يحزنك الذين يسارعون في الكفر إنهم لن يضروا الله شيئا يريد الله ألا يجعل لهم حظا في الآخرة ولهم عذاب عظيم |
| | | और (ऐ रसूल) जो लोग कुफ़्र की (मदद) में पेश क़दमी कर जाते हैं उनकी वजह से तुम रन्ज न करो क्योंकि ये लोग ख़ुदा को कुछ ज़रर नहीं पहुँचा सकते (बल्कि) ख़ुदा तो ये चाहता है कि आख़ेरत में उनका हिस्सा न क़रार दे और उनके लिए बड़ा (सख्त) अज़ाब है |
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470 | 3 | 177 | إن الذين اشتروا الكفر بالإيمان لن يضروا الله شيئا ولهم عذاب أليم |
| | | बेशक जिन लोगों ने ईमान के एवज़ कुफ़्र ख़रीद किया वह हरगिज़ खुदा का कुछ भी नहीं बिगाड़ेंगे (बल्कि आप अपना) और उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है |
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471 | 3 | 178 | ولا يحسبن الذين كفروا أنما نملي لهم خير لأنفسهم إنما نملي لهم ليزدادوا إثما ولهم عذاب مهين |
| | | और जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तियार किया वह हरगिज़ ये न ख्याल करें कि हमने जो उनको मोहलत व बेफिक्री दे रखी है वह उनके हक़ में बेहतर है (हालॉकि) हमने मोहल्लत व बेफिक्री सिर्फ इस वजह से दी है ताकि वह और ख़ूब गुनाह कर लें और (आख़िर तो) उनके लिए रूसवा करने वाला अज़ाब है |
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472 | 3 | 179 | ما كان الله ليذر المؤمنين على ما أنتم عليه حتى يميز الخبيث من الطيب وما كان الله ليطلعكم على الغيب ولكن الله يجتبي من رسله من يشاء فآمنوا بالله ورسله وإن تؤمنوا وتتقوا فلكم أجر عظيم |
| | | (मुनाफ़िक़ो) ख़ुदा ऐसा नहीं कि बुरे भले की तमीज़ किए बगैर जिस हालत पर तुम हो उसी हालत पर मोमिनों को भी छोड़ दे और ख़ुदा ऐसा भी नहीं है कि तुम्हें गैब की बातें बता दे मगर (हॉ) ख़ुदा अपने रसूलों में जिसे चाहता है (गैब बताने के वास्ते) चुन लेता है पस ख़ुदा और उसके रसूलों पर ईमान लाओ और अगर तुम ईमान लाओगे और परहेज़गारी करोगे तो तुम्हारे वास्ते बड़ी जज़ाए ख़ैर है |
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473 | 3 | 180 | ولا يحسبن الذين يبخلون بما آتاهم الله من فضله هو خيرا لهم بل هو شر لهم سيطوقون ما بخلوا به يوم القيامة ولله ميراث السماوات والأرض والله بما تعملون خبير |
| | | और जिन लोगों को ख़ुदा ने अपने फ़ज़ल (व करम) से कुछ दिया है (और फिर) बुख्ल करते हैं वह हरगिज़ इस ख्याल में न रहें कि ये उनके लिए (कुछ) बेहतर होगा बल्कि ये उनके हक़ में बदतर है क्योंकि जिस (माल) का बुख्ल करते हैं अनक़रीब ही क़यामत के दिन उसका तौक़ बनाकर उनके गले में पहनाया जाएगा और सारे आसमान व ज़मीन की मीरास ख़ुदा ही की है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़बरदार है |
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474 | 3 | 181 | لقد سمع الله قول الذين قالوا إن الله فقير ونحن أغنياء سنكتب ما قالوا وقتلهم الأنبياء بغير حق ونقول ذوقوا عذاب الحريق |
| | | जो लोग (यहूद) ये कहते हैं कि ख़ुदा तो कंगाल है और हम बड़े मालदार हैं ख़ुदा ने उनकी ये बकवास सुनी उन लोगों ने जो कुछ किया उसको और उनका पैग़म्बरों को नाहक़ क़त्ल करना हम अभी से लिख लेते हैं और (आज तो जो जी में कहें मगर क़यामत के दिन) हम कहेंगे कि अच्छा तो लो (अपनी शरारत के एवज़ में) जलाने वाले अज़ाब का मज़ा चखो |
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475 | 3 | 182 | ذلك بما قدمت أيديكم وأن الله ليس بظلام للعبيد |
| | | ये उन्हीं कामों का बदला है जिनको तुम्हारे हाथों ने (ज़ादे आख़ेरत बना कर) पहले से भेजा है वरना ख़ुदा तो कभी अपने बन्दों पर ज़ुल्म करने वाला नहीं |
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476 | 3 | 183 | الذين قالوا إن الله عهد إلينا ألا نؤمن لرسول حتى يأتينا بقربان تأكله النار قل قد جاءكم رسل من قبلي بالبينات وبالذي قلتم فلم قتلتموهم إن كنتم صادقين |
| | | (यह वही लोग हैं) जो कहते हैं कि ख़ुदा ने तो हमसे वायदा किया है कि जब तक कोई रसूल हमें ये (मौजिज़ा) न दिखा दे कि वह कुरबानी करे और उसको (आसमानी) आग आकर चट कर जाए उस वक्त तक हम ईमान न लाएंगें (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (भला) ये तो बताओ बहुतेरे पैग़म्बर मुझसे क़ब्ल तुम्हारे पास वाजे व रौशन मौजिज़ात और जिस चीज़ की तुमने (उस वक्त) फ़रमाइश की है (वह भी) लेकर आए फिर तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे तो तुमने क्यों क़त्ल किया |
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477 | 3 | 184 | فإن كذبوك فقد كذب رسل من قبلك جاءوا بالبينات والزبر والكتاب المنير |
| | | (ऐ रसूल) अगर वह इस पर भी तुम्हें झुठलाएं तो (तुम आज़ुर्दा न हो क्योंकि) तुमसे पहले भी बहुत से पैग़म्बर रौशन मौजिज़े और सहीफे और नूरानी किताब लेकर आ चुके हैं (मगर) फिर भी लोगों ने आख़िर झुठला ही छोड़ा |
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