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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3189 | 27 | 30 | إنه من سليمان وإنه بسم الله الرحمن الرحيم |
| | | सुलेमान की तरफ से है (ये उसका सरनामा) है बिस्मिल्लाहिररहमानिरहीम |
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3190 | 27 | 31 | ألا تعلوا علي وأتوني مسلمين |
| | | (और मज़मून) यह है कि मुझ से सरकशी न करो और मेरे सामने फरमाबरदार बन कर हाज़िर हो |
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3191 | 27 | 32 | قالت يا أيها الملأ أفتوني في أمري ما كنت قاطعة أمرا حتى تشهدون |
| | | तब मलका (विलक़ीस) बोली ऐ मेरे दरबार के सरदारों तुम मेरे इस मामले में मुझे राय दो (क्योंकि मेरा तो ये क़ायदा है कि) जब तक तुम लोग मेरे सामने मौजूद न हो (मशवरा न दे दो) मैं किसी अम्र में क़तई फैसला न किया करती |
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3192 | 27 | 33 | قالوا نحن أولو قوة وأولو بأس شديد والأمر إليك فانظري ماذا تأمرين |
| | | उन लोगों ने अर्ज़ की हम बड़े ज़ोरावर बडे लड़ने वाले हैं और (आइन्दा) हर अम्र का आप को एख्तियार है तो जो हुक्म दे आप (खुद अच्छी) तरह इसके अन्जाम पर ग़ौर कर ले |
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3193 | 27 | 34 | قالت إن الملوك إذا دخلوا قرية أفسدوها وجعلوا أعزة أهلها أذلة وكذلك يفعلون |
| | | मलका ने कहा बादशाहों का क़ायदा है कि जब किसी बस्ती में (बज़ोरे फ़तेह) दाख़िल हो जाते हैं तो उसको उजाड़ देते हैं और वहाँ के मुअज़िज़ लोगों को ज़लील व रुसवा कर देते हैं और ये लोग भी ऐसा ही करेंगे |
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3194 | 27 | 35 | وإني مرسلة إليهم بهدية فناظرة بم يرجع المرسلون |
| | | और मैं उनके पास (एलचियों की माअरफ़त कुछ तोहफा भेजकर देखती हूँ कि एलची लोग क्या जवाब लाते हैं) ग़रज़ जब बिलक़ीस का एलची (तोहफा लेकर) सुलेमान के पास आया |
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3195 | 27 | 36 | فلما جاء سليمان قال أتمدونن بمال فما آتاني الله خير مما آتاكم بل أنتم بهديتكم تفرحون |
| | | तो सुलेमान ने कहा क्या तुम लोग मुझे माल की मदद देते हो तो ख़ुदा ने जो (माल दुनिया) मुझे अता किया है वह (माल) उससे जो तुम्हें बख्शा है कहीं बेहतर है (मैं तो नही) बल्कि तुम्ही लोग अपने तोहफे तहायफ़ से ख़ुश हुआ करो |
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3196 | 27 | 37 | ارجع إليهم فلنأتينهم بجنود لا قبل لهم بها ولنخرجنهم منها أذلة وهم صاغرون |
| | | (फिर तोहफा लाने वाले ने कहा) तो उन्हीं लोगों के पास जा हम यक़ीनन ऐसे लश्कर से उन पर चढ़ाई करेंगे जिसका उससे मुक़ाबला न हो सकेगा और हम ज़रुर उन्हें वहाँ से ज़लील व रुसवा करके निकाल बाहर करेंगे |
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3197 | 27 | 38 | قال يا أيها الملأ أيكم يأتيني بعرشها قبل أن يأتوني مسلمين |
| | | (जब वह जा चुका) तो सुलेमान ने अपने अहले दरबार से कहा ऐ मेरे दरबार के सरदारो तुममें से कौन ऐसा है कि क़ब्ल इसके वह लोग मेरे सामने फरमाबरदार बनकर आयें |
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3198 | 27 | 39 | قال عفريت من الجن أنا آتيك به قبل أن تقوم من مقامك وإني عليه لقوي أمين |
| | | मलिका का तख्त मेरे पास ले आए (इस पर) जिनों में से एक दियो बोल उठा कि क़ब्ल इसके कि हुज़ूर (दरबार बरख़ास्त करके) अपनी जगह से उठे मै तख्त आपके पास ले आऊँगा और यक़ीनन उस पर क़ाबू रखता हूँ (और) ज़िम्मेदार हूँ |
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