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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3099 | 26 | 167 | قالوا لئن لم تنته يا لوط لتكونن من المخرجين |
| | | उन लोगों ने कहा ऐ लूत अगर तुम बाज़ न आओगे तो तुम ज़रुर निकल बाहर कर दिए जाओगे |
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3100 | 26 | 168 | قال إني لعملكم من القالين |
| | | लूत ने कहा मै यक़ीनन तुम्हारी (नाशाइसता) हरकत से बेज़ार हूँ |
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3101 | 26 | 169 | رب نجني وأهلي مما يعملون |
| | | (और दुआ की) परवरदिगार जो कुछ ये लोग करते है उससे मुझे और मेरे लड़कों को नजात दे |
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3102 | 26 | 170 | فنجيناه وأهله أجمعين |
| | | तो हमने उनको और उनके सब लड़कों को नजात दी |
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3103 | 26 | 171 | إلا عجوزا في الغابرين |
| | | मगर (लूत की) बूढ़ी औरत कि वह पीछे रह गयी |
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3104 | 26 | 172 | ثم دمرنا الآخرين |
| | | (और हलाक हो गयी) फिर हमने उन लोगों को हलाक कर डाला |
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3105 | 26 | 173 | وأمطرنا عليهم مطرا فساء مطر المنذرين |
| | | और उन पर हमने (पत्थरों का) मेंह बरसाया तो जिन लोगों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराया गया था |
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3106 | 26 | 174 | إن في ذلك لآية وما كان أكثرهم مؤمنين |
| | | उन पर क्या बड़ी बारिश हुई इस वाक़िये में भी एक बड़ी इबरत है और इनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे |
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3107 | 26 | 175 | وإن ربك لهو العزيز الرحيم |
| | | और इसमे तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन सब पर ग़ालिब (और) बड़ा मेहरबान है |
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3108 | 26 | 176 | كذب أصحاب الأيكة المرسلين |
| | | इसी तरह जंगल के रहने वालों ने (मेरे) पैग़म्बरों को झुठलाया |
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