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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2511 | 21 | 28 | يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يشفعون إلا لمن ارتضى وهم من خشيته مشفقون |
| | | वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है, और वे किसी की सिफ़ारिश नहीं करते सिवाय उसके जिसके लिए अल्लाह पसन्द करे। और वे उसके भय से डरते रहते है |
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2512 | 21 | 29 | ومن يقل منهم إني إله من دونه فذلك نجزيه جهنم كذلك نجزي الظالمين |
| | | और जो उनमें से यह कहे कि "उनके सिवा मैं भी एक इष्ट -पूज्य हूँ।" तो हम उसे बदले में जहन्नम देंगे। ज़ालिमों को हम ऐसा ही बदला दिया करते है |
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2513 | 21 | 30 | أولم ير الذين كفروا أن السماوات والأرض كانتا رتقا ففتقناهما وجعلنا من الماء كل شيء حي أفلا يؤمنون |
| | | क्या उन लोगों ने जिन्होंने इनकार किया, देखा नहीं कि ये आकाश और धरती बन्द थे। फिर हमने उन्हें खोल दिया। और हमने पानी से हर जीवित चीज़ बनाई, तो क्या वे मानते नहीं? |
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2514 | 21 | 31 | وجعلنا في الأرض رواسي أن تميد بهم وجعلنا فيها فجاجا سبلا لعلهم يهتدون |
| | | और हमने धरती में अटल पहाड़ रख दिए, ताकि कहीं ऐसा न हो कि वह उन्हें लेकर ढुलक जाए और हमने उसमें ऐसे दर्रे बनाए कि रास्तों का काम देते है, ताकि वे मार्ग पाएँ |
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2515 | 21 | 32 | وجعلنا السماء سقفا محفوظا وهم عن آياتها معرضون |
| | | और हमने आकाश को एक सुरक्षित छत बनाया, किन्तु वे है कि उसकी निशानियों से कतरा जाते है |
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2516 | 21 | 33 | وهو الذي خلق الليل والنهار والشمس والقمر كل في فلك يسبحون |
| | | वही है जिसने रात और दिन बनाए और सूर्य और चन्द्र भी। प्रत्येक अपने-अपने कक्ष में तैर रहा है |
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2517 | 21 | 34 | وما جعلنا لبشر من قبلك الخلد أفإن مت فهم الخالدون |
| | | हमने तुमसे पहले भी किसी आदमी के लिए अमरता नहीं रखी। फिर क्या यदि तुम मर गए तो वे सदैव रहनेवाले है? |
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2518 | 21 | 35 | كل نفس ذائقة الموت ونبلوكم بالشر والخير فتنة وإلينا ترجعون |
| | | हर जीव को मौत का मज़ा चखना है और हम अच्छी और बुरी परिस्थितियों में डालकर तुम सबकी परीक्षा करते है। अन्ततः तुम्हें हमारी ही ओर पलटकर आना है |
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2519 | 21 | 36 | وإذا رآك الذين كفروا إن يتخذونك إلا هزوا أهذا الذي يذكر آلهتكم وهم بذكر الرحمن هم كافرون |
| | | जिन लोगों ने इनकार किया वे जब तुम्हें देखते है तो तुम्हारा उपहास ही करते है। (कहते है,) "क्या यही वह व्यक्ति है, जो तुम्हारे इष्ट -पूज्यों की बुराई के साथ चर्चा करता है?" और उनका अपना हाल यह है कि वे रहमान के ज़िक्र (स्मरण) से इनकार करते हैं |
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2520 | 21 | 37 | خلق الإنسان من عجل سأريكم آياتي فلا تستعجلون |
| | | मनुष्य उतावला पैदा किया गया है। मैं तुम्हें शीघ्र ही अपनी निशानियाँ दिखाए देता हूँ। अतः तुम मुझसे जल्दी मत मचाओ |
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