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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
244 | 2 | 237 | وإن طلقتموهن من قبل أن تمسوهن وقد فرضتم لهن فريضة فنصف ما فرضتم إلا أن يعفون أو يعفو الذي بيده عقدة النكاح وأن تعفوا أقرب للتقوى ولا تنسوا الفضل بينكم إن الله بما تعملون بصير |
| | | और यदि तुम उन्हें हाथ लगाने से पहले तलाक़ दे दो, किन्तु उसका मह्र- निश्चित कर चुके हो, तो जो मह्रह तुमने निश्चित किया है उसका आधा अदा करना होगा, यह और बात है कि वे स्वयं छोड़ दे या पुरुष जिसके हाथ में विवाह का सूत्र है, वह नर्मी से काम ले (और मह्र पूरा अदा कर दे) । और यह कि तुम नर्मी से काम लो तो यह परहेज़गारी से ज़्यादा क़रीब है और तुम एक-दूसरे को हक़ से बढ़कर देना न भूलो। निश्चय ही अल्लाह उसे देख रहा है, जो तुम करते हो |
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245 | 2 | 238 | حافظوا على الصلوات والصلاة الوسطى وقوموا لله قانتين |
| | | सदैव नमाज़ो की और अच्छी नमाज़ों की पाबन्दी करो, और अल्लाह के आगे पूरे विनीत और शान्तभाव से खड़े हुआ करो |
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246 | 2 | 239 | فإن خفتم فرجالا أو ركبانا فإذا أمنتم فاذكروا الله كما علمكم ما لم تكونوا تعلمون |
| | | फिर यदि तुम्हें (शत्रु आदि का) भय हो, तो पैदल या सवार जिस तरह सम्भव हो नमाज़ पढ़ लो। फिर जब निश्चिन्त हो तो अल्लाह को उस प्रकार याद करो जैसाकि उसने तुम्हें सिखाया है, जिसे तुम नहीं जानते थे |
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247 | 2 | 240 | والذين يتوفون منكم ويذرون أزواجا وصية لأزواجهم متاعا إلى الحول غير إخراج فإن خرجن فلا جناح عليكم في ما فعلن في أنفسهن من معروف والله عزيز حكيم |
| | | और तुममें से जिन लोगों की मृत्यु हो जाए और अपने पीछे पत्नियों छोड़ जाए, अर्थात अपनी पत्नियों के हक़ में यह वसीयत छोड़ जाए कि घर से निकाले बिना एक वर्ष तक उन्हें ख़र्च दिया जाए, तो यदि वे निकल जाएँ तो अपने लिए सामान्य नियम के अनुसार वे जो कुछ भी करें उसमें तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है |
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248 | 2 | 241 | وللمطلقات متاع بالمعروف حقا على المتقين |
| | | और तलाक़ पाई हुई स्त्रियों को सामान्य नियम के अनुसार (इद्दत की अवधि में) ख़र्च भी मिलना चाहिए। यह डर रखनेवालो पर एक हक़ है |
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249 | 2 | 242 | كذلك يبين الله لكم آياته لعلكم تعقلون |
| | | इस प्रकार अल्लाह तुम्हारे लिए अपनी आयतें खोलकर बयान करता है, ताकि तुम समझ से काम लो |
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250 | 2 | 243 | ألم تر إلى الذين خرجوا من ديارهم وهم ألوف حذر الموت فقال لهم الله موتوا ثم أحياهم إن الله لذو فضل على الناس ولكن أكثر الناس لا يشكرون |
| | | क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जो हज़ारों की संख्या में होने पर भी मृत्यु के भय से अपने घर-बार छोड़कर निकले थे? तो अल्लाह ने उनसे कहा, "मृत्यु प्राय हो जाओ तुम।" फिर उसने उन्हें जीवन प्रदान किया। अल्लाह तो लोगों के लिए उदार अनुग्राही है, किन्तु अधिकतर लोग कृतज्ञता नहीं दिखलाते |
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251 | 2 | 244 | وقاتلوا في سبيل الله واعلموا أن الله سميع عليم |
| | | और अल्लाह के मार्ग में युद्ध करो और जान लो कि अल्लाह सब कुछ सुननेवाला, जाननेवाले है |
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252 | 2 | 245 | من ذا الذي يقرض الله قرضا حسنا فيضاعفه له أضعافا كثيرة والله يقبض ويبسط وإليه ترجعون |
| | | कौन है जो अल्लाह को अच्छा ऋण दे कि अल्लाह उसे उसके लिए कई गुना बढ़ा दे? और अल्लाह ही तंगी भी देता है और कुशादगी भी प्रदान करता है, और उसी की ओर तुम्हें लौटना है |
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253 | 2 | 246 | ألم تر إلى الملإ من بني إسرائيل من بعد موسى إذ قالوا لنبي لهم ابعث لنا ملكا نقاتل في سبيل الله قال هل عسيتم إن كتب عليكم القتال ألا تقاتلوا قالوا وما لنا ألا نقاتل في سبيل الله وقد أخرجنا من ديارنا وأبنائنا فلما كتب عليهم القتال تولوا إلا قليلا منهم والله عليم بالظالمين |
| | | क्या तुमने मूसा के पश्चात इसराईल की सन्तान के सरदारों को नहीं देखा, जब उन्होंने अपने एक नबी से कहा, "हमारे लिए एक सम्राट नियुक्त कर दो ताकि हम अल्लाह के मार्ग में युद्ध करें?" उसने कहा, "यदि तुम्हें लड़ाई का आदेश दिया जाए तो क्या तुम्हारे बारे में यह सम्भावना नहीं है कि तुम न लड़ो?" वे कहने लगे, "हम अल्लाह के मार्ग में क्यों न लड़े, जबकि हम अपने घरों से निकाल दिए गए है और अपने बाल-बच्चों से भी अलग कर दिए गए है?" - फिर जब उनपर युद्ध अनिवार्य कर दिया गया तो उनमें से थोड़े लोगों के सिवा सब फिर गए। और अल्लाह ज़ालिमों को भली-भाँति जानता है। - |
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