بسم الله الرحمن الرحيم

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1602153يا أيها الذين آمنوا استعينوا بالصبر والصلاة إن الله مع الصابرين
ऐ ईमानदारों मुसीबत के वक्त सब्र और नमाज़ के ज़रिए से ख़ुदा की मदद माँगों बेशक ख़ुदा सब्र करने वालों ही का साथी है
1612154ولا تقولوا لمن يقتل في سبيل الله أموات بل أحياء ولكن لا تشعرون
और जो लोग ख़ुदा की राह में मारे गए उन्हें कभी मुर्दा न कहना बल्कि वह लोग ज़िन्दा हैं मगर तुम उनकी ज़िन्दगी की हक़ीकत का कुछ भी शऊर नहीं रखते
1622155ولنبلونكم بشيء من الخوف والجوع ونقص من الأموال والأنفس والثمرات وبشر الصابرين
और हम तुम्हें कुछ खौफ़ और भूख से और मालों और जानों और फलों की कमी से ज़रुर आज़माएगें और (ऐ रसूल) ऐसे सब्र करने वालों को ख़ुशख़बरी दे दो
1632156الذين إذا أصابتهم مصيبة قالوا إنا لله وإنا إليه راجعون
कि जब उन पर कोई मुसीबत आ पड़ी तो वह (बेसाख्ता) बोल उठे हम तो ख़ुदा ही के हैं और हम उसी की तरफ लौट कर जाने वाले हैं
1642157أولئك عليهم صلوات من ربهم ورحمة وأولئك هم المهتدون
उन्हीं लोगों पर उनके परवरदिगार की तरफ से इनायतें हैं और रहमत और यही लोग हिदायत याफ्ता है
1652158إن الصفا والمروة من شعائر الله فمن حج البيت أو اعتمر فلا جناح عليه أن يطوف بهما ومن تطوع خيرا فإن الله شاكر عليم
बेशक (कोहे) सफ़ा और (कोह) मरवा ख़ुदा की निशानियों में से हैं पस जो शख्स ख़ानए काबा का हज या उमरा करे उस पर उन दोनो के (दरमियान) तवाफ़ (आमद ओ रफ्त) करने में कुछ गुनाह नहीं (बल्कि सवाब है) और जो शख्स खुश खुश नेक काम करे तो फिर ख़ुदा भी क़दरदाँ (और) वाक़िफ़कार है
1662159إن الذين يكتمون ما أنزلنا من البينات والهدى من بعد ما بيناه للناس في الكتاب أولئك يلعنهم الله ويلعنهم اللاعنون
बेशक जो लोग हमारी इन रौशन दलीलों और हिदायतों को जिन्हें हमने नाज़िल किया उसके बाद छिपाते हैं जबकि हम किताब तौरैत में लोगों के सामने साफ़ साफ़ बयान कर चुके हैं तो यही लोग हैं जिन पर ख़ुदा भी लानत करता है और लानत करने वाले भी लानत करते हैं
1672160إلا الذين تابوا وأصلحوا وبينوا فأولئك أتوب عليهم وأنا التواب الرحيم
मगर जिन लोगों ने (हक़ छिपाने से) तौबा की और अपनी ख़राबी की इसलाह कर ली और जो किताबे ख़ुदा में है साफ़ साफ़ बयान कर दिया पस उन की तौबा मै क़ुबूल करता हूँ और मै तो बड़ा तौबा क़ुबूल करने वाला मेहरबान हूँ
1682161إن الذين كفروا وماتوا وهم كفار أولئك عليهم لعنة الله والملائكة والناس أجمعين
बेशक जिन लोगों नें कुफ्र एख्तेयार किया और कुफ़्र ही की हालत में मर गए उन्ही पर ख़ुदा की और फरिश्तों की और तमाम लोगों की लानत है हमेशा उसी फटकार में रहेंगे
1692162خالدين فيها لا يخفف عنهم العذاب ولا هم ينظرون
न तो उनके अज़ाब ही में तख्फ़ीफ़ (कमी) की जाएगी


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