نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1295 | 9 | 60 | إنما الصدقات للفقراء والمساكين والعاملين عليها والمؤلفة قلوبهم وفي الرقاب والغارمين وفي سبيل الله وابن السبيل فريضة من الله والله عليم حكيم |
| | | (तो उनका क्या कहना था) ख़ैरात तो बस ख़ास फकीरों का हक़ है और मोहताजों का और उस (ज़कात वग़ैरह) के कारिन्दों का और जिनकी तालीफ़ क़लब की गई है (उनका) और (जिन की) गर्दनों में (गुलामी का फन्दा पड़ा है उनका) और ग़द्दारों का (जो ख़ुदा से अदा नहीं कर सकते) और खुदा की राह (जिहाद) में और परदेसियों की किफ़ालत में ख़र्च करना चाहिए ये हुकूक़ ख़ुदा की तरफ से मुक़र्रर किए हुए हैं और ख़ुदा बड़ा वाक़िफ कार हिकमत वाला है |
|
1296 | 9 | 61 | ومنهم الذين يؤذون النبي ويقولون هو أذن قل أذن خير لكم يؤمن بالله ويؤمن للمؤمنين ورحمة للذين آمنوا منكم والذين يؤذون رسول الله لهم عذاب أليم |
| | | और उसमें से बाज़ ऐसे भी हैं जो (हमारे) रसूल को सताते हैं और कहते हैं कि बस ये कान ही (कान) हैं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (कान तो हैं मगर) तुम्हारी भलाई सुन्ने के कान हैं कि ख़ुदा पर ईमान रखते हैं और मोमिनीन की (बातों) का यक़ीन रखते हैं और तुममें से जो लोग ईमान ला चुके हैं उनके लिए रहमत और जो लोग रसूले ख़ुदा को सताते हैं उनके लिए दर्दनाक अज़ाब हैं |
|
1297 | 9 | 62 | يحلفون بالله لكم ليرضوكم والله ورسوله أحق أن يرضوه إن كانوا مؤمنين |
| | | (मुसलमानों) ये लोग तुम्हारे सामने ख़ुदा की क़समें खाते हैं ताकि तुम्हें राज़ी कर ले हालॉकि अगर ये लोग सच्चे ईमानदार है |
|
1298 | 9 | 63 | ألم يعلموا أنه من يحادد الله ورسوله فأن له نار جهنم خالدا فيها ذلك الخزي العظيم |
| | | तो ख़ुदा और उसका रसूल कहीं ज्यादा हक़दार है कि उसको राज़ी रखें क्या ये लोग ये भी नहीं जानते कि जिस शख़्स ने ख़ुदा और उसके रसूल की मुख़ालेफ़त की तो इसमें शक़ ही नहीं कि उसके लिए जहन्नुम की आग (तैयार रखी) है |
|
1299 | 9 | 64 | يحذر المنافقون أن تنزل عليهم سورة تنبئهم بما في قلوبهم قل استهزئوا إن الله مخرج ما تحذرون |
| | | जिसमें वह हमेशा (जलता भुनता) रहेगा यही तो बड़ी रूसवाई है मुनाफेक़ीन इस बात से डरतें हैं कि (कहीं ऐसा न हो) इन मुलसमानों पर (रसूल की माअरफ़त) कोई सूरा नाज़िल हो जाए जो उनको जो कुछ उन मुनाफिक़ीन के दिल में है बता दे (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (अच्छा) तुम मसख़रापन किए जाओ |
|
1300 | 9 | 65 | ولئن سألتهم ليقولن إنما كنا نخوض ونلعب قل أبالله وآياته ورسوله كنتم تستهزئون |
| | | जिससे तुम डरते हो ख़ुदा उसे ज़रूर ज़ाहिर कर देगा और अगर तुम उनसे पूछो (कि ये हरकत थी) तो ज़रूर यूं ही कहेगें कि हम तो यूं ही बातचीत (दिल्लगी) बाज़ी ही कर रहे थे तुम कहो कि हाए क्या तुम ख़ुदा से और उसकी आयतों से और उसके रसूल से हॅसी कर रहे थे |
|
1301 | 9 | 66 | لا تعتذروا قد كفرتم بعد إيمانكم إن نعف عن طائفة منكم نعذب طائفة بأنهم كانوا مجرمين |
| | | अब बातें न बनाओं हक़ तो ये हैं कि तुम ईमान लाने के बाद काफ़िर हो बैठे अगर हम तुममें से कुछ लोगों से दरगुज़र भी करें तो हम कुछ लोगों को सज़ा ज़रूर देगें इस वजह से कि ये लोग कुसूरवार ज़रूर हैं |
|
1302 | 9 | 67 | المنافقون والمنافقات بعضهم من بعض يأمرون بالمنكر وينهون عن المعروف ويقبضون أيديهم نسوا الله فنسيهم إن المنافقين هم الفاسقون |
| | | मुनाफिक़ मर्द और मुनाफिक़ औरतें एक दूसरे के बाहम जिन्स हैं कि (लोगों को) बुरे काम का तो हुक्म करते हैं और नेक कामों से रोकते हैं और अपने हाथ (राहे ख़ुदा में ख़र्च करने से) बन्द रखते हैं (सच तो यह है कि) ये लोग ख़ुदा को भूल बैठे तो ख़ुदा ने भी (गोया) उन्हें भुला दिया बेशक मुनाफ़िक़ बदचलन है |
|
1303 | 9 | 68 | وعد الله المنافقين والمنافقات والكفار نار جهنم خالدين فيها هي حسبهم ولعنهم الله ولهم عذاب مقيم |
| | | मुनाफिक़ मर्द और मुनाफिक़ औरतें और काफिरों से ख़ुदा ने जहन्नुम की आग का वायदा तो कर लिया है कि ये लोग हमेशा उसी में रहेगें और यही उन के लिए काफ़ी है और ख़ुदा ने उन पर लानत की है और उन्हीं के लिए दाइमी (हमेशा रहने वाला) अज़ाब है |
|
1304 | 9 | 69 | كالذين من قبلكم كانوا أشد منكم قوة وأكثر أموالا وأولادا فاستمتعوا بخلاقهم فاستمتعتم بخلاقكم كما استمتع الذين من قبلكم بخلاقهم وخضتم كالذي خاضوا أولئك حبطت أعمالهم في الدنيا والآخرة وأولئك هم الخاسرون |
| | | (मुनाफिक़ो तुम्हारी तो) उनकी मसल है जो तुमसे पहले थे वह लोग तुमसे कूवत में (भी) ज्यादा थे और औलाद में (भी) कही बढ़ कर तो वह अपने हिस्से से भी फ़ायदा उठा हो चुके तो जिस तरह तुम से पहले लोग अपने हिस्से से फायदा उठा चुके हैं इसी तरह तुम ने अपने हिस्से से फायदा उठा लिया और जिस तरह वह बातिल में घुसे रहे उसी तरह तुम भी घुसे रहे ये वह लोग हैं जिन का सब किया धरा दुनिया और आख़िरत (दोनों) में अकारत हुआ और यही लोग घाटे में हैं |
|