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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
987 | 7 | 33 | قل إنما حرم ربي الفواحش ما ظهر منها وما بطن والإثم والبغي بغير الحق وأن تشركوا بالله ما لم ينزل به سلطانا وأن تقولوا على الله ما لا تعلمون |
| | | (ऐ रसूल) तुम साफ कह दो कि हमारे परवरदिगार ने तो तमाम बदकारियों को ख्वाह (चाहे) ज़ाहिरी हो या बातिनी और गुनाह और नाहक़ ज्यादती करने को हराम किया है और इस बात को कि तुम किसी को ख़ुदा का शरीक बनाओ जिनकी उनसे कोई दलील न ही नाज़िल फरमाई और ये भी कि बे समझे बूझे ख़ुदा पर बोहतान बॉधों |
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988 | 7 | 34 | ولكل أمة أجل فإذا جاء أجلهم لا يستأخرون ساعة ولا يستقدمون |
| | | और हर गिरोह (के न पैदा होने) का एक ख़ास वक्त है फिर जब उनका वक्त आ पहुंचता है तो न एक घड़ी पीछे रह सकते हैं और न आगे बढ़ सकते हैं |
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989 | 7 | 35 | يا بني آدم إما يأتينكم رسل منكم يقصون عليكم آياتي فمن اتقى وأصلح فلا خوف عليهم ولا هم يحزنون |
| | | ऐ औलादे आदम जब तुम में के (हमारे) पैग़म्बर तुम्हारे पास आए और तुमसे हमारे एहकाम बयान करे तो (उनकी इताअत करना क्योंकि जो शख्स परहेज़गारी और नेक काम करेगा तो ऐसे लोगों पर न तो (क़यामत में) कोई ख़ौफ़ होगा और न वह आर्ज़दा ख़ातिर (परेशान) होंगे |
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990 | 7 | 36 | والذين كذبوا بآياتنا واستكبروا عنها أولئك أصحاب النار هم فيها خالدون |
| | | और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया और उनसे सरताबी कर बैठे वह लोग जहन्नुमी हैं कि वह उसमें हमेशा रहेगें |
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991 | 7 | 37 | فمن أظلم ممن افترى على الله كذبا أو كذب بآياته أولئك ينالهم نصيبهم من الكتاب حتى إذا جاءتهم رسلنا يتوفونهم قالوا أين ما كنتم تدعون من دون الله قالوا ضلوا عنا وشهدوا على أنفسهم أنهم كانوا كافرين |
| | | तो जो शख्स ख़ुदा पर झूठ बोहतान बॉधे या उसकी आयतों को झुठलाए उससे बढ़कर ज़ालिम और कौन होगा फिर तो वह लोग हैं जिन्हें उनकी (तक़दीर) का लिखा हिस्सा (रिज़क) वग़ैरह मिलता रहेगा यहाँ तक कि जब हमारे भेजे हुए (फरिश्ते) उनके पास आकर उनकी रूह कब्ज़ करेगें तो (उनसे) पूछेगें कि जिन्हें तुम ख़ुदा को छोड़कर पुकारा करते थे अब वह (कहाँ हैं तो वह कुफ्फार) जवाब देगें कि वह सब तो हमें छोड़ कर चल चंपत हुए और अपने खिलाफ आप गवाही देगें कि वह बेशक काफ़िर थे |
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992 | 7 | 38 | قال ادخلوا في أمم قد خلت من قبلكم من الجن والإنس في النار كلما دخلت أمة لعنت أختها حتى إذا اداركوا فيها جميعا قالت أخراهم لأولاهم ربنا هؤلاء أضلونا فآتهم عذابا ضعفا من النار قال لكل ضعف ولكن لا تعلمون |
| | | (तब ख़ुदा उनसे) फरमाएगा कि जो लोग जिन व इन्स के तुम से पहले बसे हैं उन्हीं में मिलजुल कर तुम भी जहन्नुम वासिल हो जाओ (और ) अहले जहन्नुम का ये हाल होगा कि जब उसमें एक गिरोह दाख़िल होगा तो अपने साथी दूसरे गिरोह पर लानत करेगा यहाँ तक कि जब सब के सब पहुंच जाएगें तो उनमें की पिछली जमात अपने से पहली जमाअत के वास्ते बदद्आ करेगी कि परवरदिगार उन्हीं लोगों ने हमें गुमराह किया था तो उन पर जहन्नुम का दोगुना अज़ाब फरमा (इस पर) ख़ुदा फरमाएगा कि हर एक के वास्ते दो गुना अज़ाब है लेकिन (तुम पर) तुफ़ है तुम जानते नहीं |
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993 | 7 | 39 | وقالت أولاهم لأخراهم فما كان لكم علينا من فضل فذوقوا العذاب بما كنتم تكسبون |
| | | और उनमें से पहली जमाअत पिछली जमाअत की तरफ मुख़ातिब होकर कहेगी कि अब तो तुमको हमपर कोई फज़ीलत न रही पस (हमारी तरह) तुम भी अपने करतूत की बदौलत अज़ाब (के मज़े) चखो बेशक जिन लोगों ने हमारे आयात को झुठलाया |
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994 | 7 | 40 | إن الذين كذبوا بآياتنا واستكبروا عنها لا تفتح لهم أبواب السماء ولا يدخلون الجنة حتى يلج الجمل في سم الخياط وكذلك نجزي المجرمين |
| | | और उनसे सरताबी की न उनके लिए आसमान के दरवाज़े खोले जाएंगें और वह बेहश्त ही में दाखिल होने पाएगें यहाँ तक कि ऊँट सूई के नाके में होकर निकल जाए (यानि जिस तरह ये मुहाल है) उसी तरह उनका बेहश्त में दाखिल होना मुहाल है और हम मुजरिमों को ऐसी ही सज़ा दिया करते हैं उनके लिए जहन्नुम (की आग) का बिछौना होगा |
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995 | 7 | 41 | لهم من جهنم مهاد ومن فوقهم غواش وكذلك نجزي الظالمين |
| | | और उनके ऊपर से (आग ही का) ओढ़ना भी और हम ज़ालिमों को ऐसी ही सज़ा देते हैं और जिन लोगों ने ईमान कुबुल किया |
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996 | 7 | 42 | والذين آمنوا وعملوا الصالحات لا نكلف نفسا إلا وسعها أولئك أصحاب الجنة هم فيها خالدون |
| | | और अच्छे अच्छे काम किये और हम तो किसी शख्स को उसकी ताकत से ज्यादा तकलीफ देते ही नहीं यहीं लोग जन्नती हैं कि वह हमेशा जन्नत ही में रहा (सहा) करेगें |
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