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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
968 | 7 | 14 | قال أنظرني إلى يوم يبعثون |
| | | बोला, "मुझे एक दिन तक मुहल्लत दे, जबकि लोग उठाए जाएँगे।" |
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969 | 7 | 15 | قال إنك من المنظرين |
| | | कहा, "निस्संदेह तुझे मुहल्लत है।" |
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970 | 7 | 16 | قال فبما أغويتني لأقعدن لهم صراطك المستقيم |
| | | बोला, "अच्छा, इस कारण कि तूने मुझे गुमराही में डाला है, मैं भी तेरे सीधे मार्ग पर उनके लिए घात में अवश्य बैठूँगा |
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971 | 7 | 17 | ثم لآتينهم من بين أيديهم ومن خلفهم وعن أيمانهم وعن شمائلهم ولا تجد أكثرهم شاكرين |
| | | "फिर उनके आगे और उनके पीछे और उनके दाएँ और उनके बाएँ से उनके पास आऊँगा। और तू उनमें अधिकतर को कृतज्ञ न पाएगा।" |
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972 | 7 | 18 | قال اخرج منها مذءوما مدحورا لمن تبعك منهم لأملأن جهنم منكم أجمعين |
| | | कहा, "निकल जा यहाँ से! निन्दित ठुकराया हुआ। उनमें से जिस किसी ने भी तेरा अनुसरण किया, मैं अवश्य तुम सबसे जहन्नम को भर दूँगा।" |
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973 | 7 | 19 | ويا آدم اسكن أنت وزوجك الجنة فكلا من حيث شئتما ولا تقربا هذه الشجرة فتكونا من الظالمين |
| | | और "ऐ आदम! तुम और तुम्हारी पत्नी दोनों जन्नत में रहो-बसो, फिर जहाँ से चाहो खाओ, लेकिन इस वृक्ष के निकट न जाना, अन्यथा अत्याचारियों में से हो जाओगे।" |
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974 | 7 | 20 | فوسوس لهما الشيطان ليبدي لهما ما ووري عنهما من سوآتهما وقال ما نهاكما ربكما عن هذه الشجرة إلا أن تكونا ملكين أو تكونا من الخالدين |
| | | फिर शैतान ने दोनों को बहकाया, ताकि उनकी शर्मगाहों को, जो उन दोनों से छिपी थीं, उन दोनों के सामने खोल दे। और उसने (इबलीस ने) कहा, "तुम्हारे रब ने तुम दोनों को जो इस वृक्ष से रोका है, तो केवल इसलिए कि ऐसा न हो कि तुम कहीं फ़रिश्ते हो जाओ या कही ऐसा न हो कि तुम्हें अमरता प्राप्त हो जाए।" |
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975 | 7 | 21 | وقاسمهما إني لكما لمن الناصحين |
| | | और उसने उन दोनों के आगे क़समें खाई कि "निश्चय ही मैं तुम दोनों का हितैषी हूँ।" |
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976 | 7 | 22 | فدلاهما بغرور فلما ذاقا الشجرة بدت لهما سوآتهما وطفقا يخصفان عليهما من ورق الجنة وناداهما ربهما ألم أنهكما عن تلكما الشجرة وأقل لكما إن الشيطان لكما عدو مبين |
| | | इस प्रकार धोखा देकर उसने उन दोनों को झुका लिया। अन्ततः जब उन्होंने उस वृक्ष का स्वाद लिया, तो उनकी शर्मगाहे एक-दूसरे के सामने खुल गए और वे अपने ऊपर बाग़ के पत्ते जोड़-जोड़कर रखने लगे। तब उनके रब ने उन्हें पुकारा, "क्या मैंने तुम दोनों को इस वृक्ष से रोका नहीं था और तुमसे कहा नहीं था कि शैतान तुम्हारा खुला शत्रु है?" |
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977 | 7 | 23 | قالا ربنا ظلمنا أنفسنا وإن لم تغفر لنا وترحمنا لنكونن من الخاسرين |
| | | दोनों बोले, "हमारे रब! हमने अपने आप पर अत्याचार किया। अब यदि तूने हमें क्षमा न किया और हम पर दया न दर्शाई, फिर तो हम घाटा उठानेवालों में से होंगे।" |
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