بسم الله الرحمن الرحيم

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95975فما كان دعواهم إذ جاءهم بأسنا إلا أن قالوا إنا كنا ظالمين
कि वह लोग या तो रात की नींद सो रहे थे या दिन को क़लीला (खाने के बाद का लेटना) कर रहे थे तब हमारा अज़ाब उन पर आ पड़ा तो उनसे सिवाए इसके और कुछ न कहते बन पड़ा कि हम बेशक ज़ालिम थे
96076فلنسألن الذين أرسل إليهم ولنسألن المرسلين
फिर हमने तो ज़रूर उन लोगों से जिनकी तरफ पैग़म्बर भेजे गये थे (हर चीज़ का) सवाल करेगें और ख़ुद पैग़म्बरों से भी ज़रूर पूछेगें
96177فلنقصن عليهم بعلم وما كنا غائبين
फिर हम उनसे हक़ीक़त हाल ख़ूब समझ बूझ के (ज़रा ज़रा) दोहराएगें
96278والوزن يومئذ الحق فمن ثقلت موازينه فأولئك هم المفلحون
और हम कुछ ग़ायब तो थे नहीं और उस दिन (आमाल का) तौला जाना बिल्कुल ठीक है फिर तो जिनके (नेक अमाल के) पल्ले भारी होगें तो वही लोग फायज़ुलहराम (नजात पाये हुए) होगें
96379ومن خفت موازينه فأولئك الذين خسروا أنفسهم بما كانوا بآياتنا يظلمون
(और जिनके नेक अमाल के) पल्ले हलके होगें तो उन्हीं लोगों ने हमारी आयत से नाफरमानी करने की वजह से यक़ीनन अपना आप नुक़सान किया
964710ولقد مكناكم في الأرض وجعلنا لكم فيها معايش قليلا ما تشكرون
और (ऐ बनीआदम) हमने तो यक़ीनन तुमको ज़मीन में क़ुदरत व इख़तेदार दिया और उसमें तुम्हारे लिए असबाब ज़िन्दगी मुहय्या किए (मगर) तुम बहुत ही कम शुक्र करते हो
965711ولقد خلقناكم ثم صورناكم ثم قلنا للملائكة اسجدوا لآدم فسجدوا إلا إبليس لم يكن من الساجدين
हालाकि इसमें तो शक ही नहीं कि हमने तुम्हारे बाप आदम को पैदा किया फिर तुम्हारी सूरते बनायीं फिर हमनें फ़रिश्तों से कहा कि तुम सब के सब आदम को सजदा करो तो सब के सब झुक पड़े मगर शैतान कि वह सजदा करने वालों में शामिल न हुआ।
966712قال ما منعك ألا تسجد إذ أمرتك قال أنا خير منه خلقتني من نار وخلقته من طين
ख़ुदा ने (शैतान से) फरमाया जब मैनें तुझे हुक्म दिया कि तू फिर तुझे सजदा करने से किसी ने रोका कहने लगा मैं उससे अफ़ज़ल हूँ (क्योंकि) तूने मुझे आग (ऐसे लतीफ अनसर) से पैदा किया
967713قال فاهبط منها فما يكون لك أن تتكبر فيها فاخرج إنك من الصاغرين
और उसको मिट्टी (ऐसी कशीफ़ अनसर) से पैदा किया ख़ुदा ने फरमाया (तुझको ये ग़ुरूर है) तो बेहश्त से नीचे उतर जाओ क्योंकि तेरी ये मजाल नहीं कि तू यहाँ रहकर ग़ुरूर करे तो यहाँ से (बाहर) निकल बेशक तू ज़लील लोगों से है
968714قال أنظرني إلى يوم يبعثون
कहने लगा तो (ख़ैर) हमें उस दिन तक की (मौत से) मोहलत दे


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