بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
9546165وهو الذي جعلكم خلائف الأرض ورفع بعضكم فوق بعض درجات ليبلوكم في ما آتاكم إن ربك سريع العقاب وإنه لغفور رحيم
और वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने तुम्हें ज़मीन में (अपना) नायब बनाया और तुममें से बाज़ के बाज़ पर दर्जे बुलन्द किये ताकि वो (नेअमत) तुम्हें दी है उसी पर तुम्हारा इमतेहान करे उसमें तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार बहुत जल्द अज़ाब करने वाला है और इसमें भी शक नहीं कि वह बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
95571بسم الله الرحمن الرحيم المص
अलिफ़ लाम मीम स्वाद
95672كتاب أنزل إليك فلا يكن في صدرك حرج منه لتنذر به وذكرى للمؤمنين
(ऐ रसूल) ये किताब ख़ुदा (क़ुरान) तुम पर इस ग़रज़ से नाज़िल की गई है ताकि तुम उसके ज़रिये से लोगों को अज़ाबे ख़ुदा से डराओ और ईमानदारों के लिए नसीहत का बायस हो
95773اتبعوا ما أنزل إليكم من ربكم ولا تتبعوا من دونه أولياء قليلا ما تذكرون
तुम्हारे दिल में उसकी वजह से कोई न तंगी पैदा हो (लोगों) जो तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम पर नाज़िल किया गया है उसकी पैरवी करो और उसके सिवा दूसरे (फर्ज़ी) बुतों (माबुदों) की पैरवी न करो
95874وكم من قرية أهلكناها فجاءها بأسنا بياتا أو هم قائلون
तुम लोग बहुत ही कम नसीहत क़ुबूल करते हो और क्या (तुम्हें) ख़बर नहीं कि ऐसी बहुत सी बस्तियाँ हैं जिन्हें हमने हलाक कर डाला तो हमारा अज़ाब (ऐसे वक्त) आ पहुचा
95975فما كان دعواهم إذ جاءهم بأسنا إلا أن قالوا إنا كنا ظالمين
कि वह लोग या तो रात की नींद सो रहे थे या दिन को क़लीला (खाने के बाद का लेटना) कर रहे थे तब हमारा अज़ाब उन पर आ पड़ा तो उनसे सिवाए इसके और कुछ न कहते बन पड़ा कि हम बेशक ज़ालिम थे
96076فلنسألن الذين أرسل إليهم ولنسألن المرسلين
फिर हमने तो ज़रूर उन लोगों से जिनकी तरफ पैग़म्बर भेजे गये थे (हर चीज़ का) सवाल करेगें और ख़ुद पैग़म्बरों से भी ज़रूर पूछेगें
96177فلنقصن عليهم بعلم وما كنا غائبين
फिर हम उनसे हक़ीक़त हाल ख़ूब समझ बूझ के (ज़रा ज़रा) दोहराएगें
96278والوزن يومئذ الحق فمن ثقلت موازينه فأولئك هم المفلحون
और हम कुछ ग़ायब तो थे नहीं और उस दिन (आमाल का) तौला जाना बिल्कुल ठीक है फिर तो जिनके (नेक अमाल के) पल्ले भारी होगें तो वही लोग फायज़ुलहराम (नजात पाये हुए) होगें
96379ومن خفت موازينه فأولئك الذين خسروا أنفسهم بما كانوا بآياتنا يظلمون
(और जिनके नेक अमाल के) पल्ले हलके होगें तो उन्हीं लोगों ने हमारी आयत से नाफरमानी करने की वजह से यक़ीनन अपना आप नुक़सान किया


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