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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
954 | 6 | 165 | وهو الذي جعلكم خلائف الأرض ورفع بعضكم فوق بعض درجات ليبلوكم في ما آتاكم إن ربك سريع العقاب وإنه لغفور رحيم |
| | | वही है जिसने तुम्हें धरती में धरती में ख़लीफ़ा (अधिकारी, उत्ताराधिकारी) बनाया और तुममें से कुछ लोगों के दर्जे कुछ लोगों की अपेक्षा ऊँचे रखे, ताकि जो कुछ उसने तुमको दिया है उसमें वह तम्हारी ले। निस्संदेह तुम्हारा रब जल्द सज़ा देनेवाला है। और निश्चय ही वही बड़ा क्षमाशील, दयावान है |
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955 | 7 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم المص |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ साद॰ |
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956 | 7 | 2 | كتاب أنزل إليك فلا يكن في صدرك حرج منه لتنذر به وذكرى للمؤمنين |
| | | यह एक किताब है, जो तुम्हारी ओर उतारी गई है - अतः इससे तुम्हारे सीने में कोई तंगी न हो - ताकि तुम इसके द्वारा सचेत करो और यह ईमानवालों के लिए एक प्रबोधन है; |
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957 | 7 | 3 | اتبعوا ما أنزل إليكم من ربكم ولا تتبعوا من دونه أولياء قليلا ما تذكرون |
| | | जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर अवतरित हुआ है, उस पर चलो और उसे छोड़कर दूसरे संरक्षक मित्रों का अनुसरण न करो। तुम लोग नसीहत थोड़े ही मानते हो |
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958 | 7 | 4 | وكم من قرية أهلكناها فجاءها بأسنا بياتا أو هم قائلون |
| | | कितनी ही बस्तियाँ थीं, जिन्हें हमने विनष्टम कर दिया। उनपर हमारी यातना रात को सोते समय आ पहुँची या (दिन-दहाड़) आई, जबकि वे दोपहर में विश्राम कर रहे थे |
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959 | 7 | 5 | فما كان دعواهم إذ جاءهم بأسنا إلا أن قالوا إنا كنا ظالمين |
| | | जब उनपर यातना आ गई तो इसके सिवा उनके मुँह से कुछ न निकला कि वे पुकार उठे, "वास्तव में हम अत्याचारी थे।" |
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960 | 7 | 6 | فلنسألن الذين أرسل إليهم ولنسألن المرسلين |
| | | अतः हम उन लोगों से अवश्य पूछेंगे, जिनके पास रसूल भेजे गए थे, और हम रसूलों से भी अवश्य पूछेंगे |
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961 | 7 | 7 | فلنقصن عليهم بعلم وما كنا غائبين |
| | | फिर हम पूरे ज्ञान के साथ उनके सामने सब बयान कर देंगे। हम कही ग़ायब नहीं थे |
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962 | 7 | 8 | والوزن يومئذ الحق فمن ثقلت موازينه فأولئك هم المفلحون |
| | | और बिल्कुल पक्का-सच्चा वज़न उसी दिन होगा। अतः जिनके कर्म वज़न में भारी होंगे, वही सफलता प्राप्त करेंगे |
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963 | 7 | 9 | ومن خفت موازينه فأولئك الذين خسروا أنفسهم بما كانوا بآياتنا يظلمون |
| | | और वे लोग जिनके कर्म वज़न में हलके होंगे, तो वही वे लोग हैं, जिन्होंने अपने आपको घाटे में डाला, क्योंकि वे हमारी आयतों का इनकार औऱ अपने ऊपर अत्याचार करते रहे |
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