بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
9346145قل لا أجد في ما أوحي إلي محرما على طاعم يطعمه إلا أن يكون ميتة أو دما مسفوحا أو لحم خنزير فإنه رجس أو فسقا أهل لغير الله به فمن اضطر غير باغ ولا عاد فإن ربك غفور رحيم
(ऐ रसूल) तुम कहो कि मै तो जो (क़ुरान) मेरे पास वही के तौर पर आया है उसमें कोई चीज़ किसी खाने वाले पर जो उसको खाए हराम नहीं पाता मगर जबकि वह मुर्दा या बहता हुआ ख़़ून या सूअर का गोश्त हो तो बेशक ये (चीजे) नापाक और हराम हैं या (वह जानवर) नाफरमानी का बाएस हो कि (वक्ते ़ज़िबहा) ख़ुदा के सिवा किसी और का नाम लिया गया हो फिर जो शख्स (हर तरह) बेबस हो जाए (और) नाफरमान व सरकश न हो और इस हालत में खाए तो अलबत्ता तुम्हारा परवरदिगार बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
9356146وعلى الذين هادوا حرمنا كل ذي ظفر ومن البقر والغنم حرمنا عليهم شحومهما إلا ما حملت ظهورهما أو الحوايا أو ما اختلط بعظم ذلك جزيناهم ببغيهم وإنا لصادقون
और हमने यहूदियों पर तमाम नाख़ूनदार जानवर हराम कर दिये थे और गाय और बकरी दोनों की चरबियां भी उन पर हराम कर दी थी मगर जो चरबी उनकी दोनों पीठ या आतों पर लगी हो या हडड्ी से मिली हुई हो (वह हलाल थी) ये हमने उन्हें उनकी सरक़शी की सज़ा दी थी और उसमें तो शक ही नहीं कि हम ज़रूर सच्चे हैं
9366147فإن كذبوك فقل ربكم ذو رحمة واسعة ولا يرد بأسه عن القوم المجرمين
(ऐ रसूल) पर अगर वह तुम्हें झुठलाएं तो तुम (जवाब) में कहो कि (अगरचे) तुम्हारा परवरदिगार बड़ी वसीह रहमत वाला है मगर उसका अज़ाब गुनाहगार लोगों से टलता भी नहीं
9376148سيقول الذين أشركوا لو شاء الله ما أشركنا ولا آباؤنا ولا حرمنا من شيء كذلك كذب الذين من قبلهم حتى ذاقوا بأسنا قل هل عندكم من علم فتخرجوه لنا إن تتبعون إلا الظن وإن أنتم إلا تخرصون
अनक़रीब मुशरेकीन कहेंगें कि अगर ख़ुदा चाहता तो न हम लोग शिर्क करते और न हमारे बाप दादा और न हम कोई चीज़ अपने ऊपर हराम करते उसी तरह (बातें बना बना के) जो लोग उनसे पहले हो गुज़रे हैं (पैग़म्बरों को) झुठलाते रहे यहाँ तक कि उन लोगों ने हमारे अज़ाब (के मज़े)े को चख़ा (ऐ रसूल) तुम कहो कि तुम्हारे पास कोई दलील है (अगर है) तो हमारे (दिखाने के) वास्ते उसको निकालो (दलील तो क्या) पेश करोगे तुम लोग तो सिर्फ अपने ख्याल ख़ाम की पैरवी करते हो और सिर्फ अटकल पच्चू बातें करते हो
9386149قل فلله الحجة البالغة فلو شاء لهداكم أجمعين
(ऐ रसूल) तुम कहो कि (अब तुम्हारे पास कोई दलील नहीं है) ख़ुदा तक पहुंचाने वाली दलील ख़ुदा ही के लिए ख़ास है
9396150قل هلم شهداءكم الذين يشهدون أن الله حرم هذا فإن شهدوا فلا تشهد معهم ولا تتبع أهواء الذين كذبوا بآياتنا والذين لا يؤمنون بالآخرة وهم بربهم يعدلون
फिर अगर वही चाहता तो तुम सबकी हिदायत करता (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ( अच्छा) अपने गवाहों को लाकर हाज़िर करो जो ये गवाही दें कि ये चीज़े (जिन्हें तुम हराम मानते हो) खुदा ही ने हराम कर दी हैं फिर अगर (बिलग़रज़) वह गवाही दे भी दे तो (ऐ रसूल) कहीं तुम उनके साथ गवाही न देना और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया और आख़िरत पर ईमान नहीं लाते और दूसरों को अपने परवरदिगार का हम सर बनाते है उनकी नफ़सियानी ख्वाहिशों पर न चलना
9406151قل تعالوا أتل ما حرم ربكم عليكم ألا تشركوا به شيئا وبالوالدين إحسانا ولا تقتلوا أولادكم من إملاق نحن نرزقكم وإياهم ولا تقربوا الفواحش ما ظهر منها وما بطن ولا تقتلوا النفس التي حرم الله إلا بالحق ذلكم وصاكم به لعلكم تعقلون
(ऐ रसूल) तुम उनसे कहो कि (बेबस) आओ जो चीज़ें ख़ुदा ने तुम पर हराम की हैं वह मैं तुम्हें पढ़ कर सुनाऊँ (वह) यह कि किसी चीज़ को ख़ुदा का शरीक़ न बनाओ और माँ बाप के साथ नेक सुलूक़ करो और मुफ़लिसी के ख़ौफ से अपनी औलाद को मार न डालना (क्योंकि) उनको और तुमको रिज़क देने वाले तो हम हैं और बदकारियों के क़रीब भी न जाओ ख्वाह (चाहे) वह ज़ाहिर हो या पोशीदा और किसी जान वाले को जिस के क़त्ल को ख़ुदा ने हराम किया है न मार डालना मगर (किसी) हक़ के ऐवज़ में वह बातें हैं जिनका ख़ुदा ने तुम्हें हुक्म दिया है ताकि तुम लोग समझो और यतीम के माल के करीब भी न जाओ
9416152ولا تقربوا مال اليتيم إلا بالتي هي أحسن حتى يبلغ أشده وأوفوا الكيل والميزان بالقسط لا نكلف نفسا إلا وسعها وإذا قلتم فاعدلوا ولو كان ذا قربى وبعهد الله أوفوا ذلكم وصاكم به لعلكم تذكرون
लेकिन इस तरीके पर कि (उसके हक़ में) बेहतर हो यहाँ तक कि वह अपनी जवानी की हद को पहुंच जाए और इन्साफ के साथ नाप और तौल पूरी किया करो हम किसी शख्स को उसकी ताक़त से बढ़कर तकलीफ नहीं देते और (चाहे कुछ हो मगर) जब बात कहो तो इन्साफ़ से अगरचे वह (जिसके तुम ख़िलाफ न हो) तुम्हारा अज़ीज़ ही (क्यों न) हो और ख़ुदा के एहद व पैग़ाम को पूरा करो यह वह बातें हैं जिनका ख़ुदा ने तुम्हे हुक्म दिया है कि तुम इबरत हासिल करो और ये भी (समझ लो) कि यही मेरा सीधा रास्ता है
9426153وأن هذا صراطي مستقيما فاتبعوه ولا تتبعوا السبل فتفرق بكم عن سبيله ذلكم وصاكم به لعلكم تتقون
तो उसी पर चले जाओ और दूसरे रास्ते पर न चलो कि वह तुमको ख़ुदा के रास्ते से (भटकाकर) तितिर बितिर कर देगें यह वह बातें हैं जिनका ख़ुदा ने तुमको हक्म दिया है ताकि तुम परहेज़गार बनो
9436154ثم آتينا موسى الكتاب تماما على الذي أحسن وتفصيلا لكل شيء وهدى ورحمة لعلهم بلقاء ربهم يؤمنون
फिर हमनें जो नेक़ी करें उस पर अपनी नेअमत पूरी करने के वास्ते मूसा को क़िताब (तौरौत) अता फरमाई और उसमें हर चीज़ की तफ़सील (बयान कर दी ) थी और (लोगों के लिए अज़सरतापा(सर से पैर तक)) हिदायत व रहमत है ताकि वह लोग अपनें परवरदिगार के सामने हाज़िर होने का यक़ीन करें


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