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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
927 | 6 | 138 | وقالوا هذه أنعام وحرث حجر لا يطعمها إلا من نشاء بزعمهم وأنعام حرمت ظهورها وأنعام لا يذكرون اسم الله عليها افتراء عليه سيجزيهم بما كانوا يفترون |
| | | उनको सिवा उसके जिसे हम चाहें कोई नहीं खा सकता और (उनका ये भी ख्याल है) कि कुछ चारपाए ऐसे हैं जिनकी पीठ पर सवारी लादना हराम किया गया और कुछ चारपाए ऐसे है जिन पर (ज़िबह के वक्त) ख़ुदा का नाम तक नहीं लेते और फिर यह ढकोसले (ख़ुदा की तरफ मनसूब करते) हैं ये सब ख़ुदा पर इफ़तेरा व बोहतान है ख़ुदा उनके इफ़तेरा परदाज़ियों को बहुत जल्द सज़ा देगा |
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928 | 6 | 139 | وقالوا ما في بطون هذه الأنعام خالصة لذكورنا ومحرم على أزواجنا وإن يكن ميتة فهم فيه شركاء سيجزيهم وصفهم إنه حكيم عليم |
| | | और कुफ्फ़ार ये भी कहते हैं कि जो बच्चा (वक्त ़ज़बाह) उन जानवरों के पेट में है (जिन्हें हमने बुतों के नाम कर छोड़ा और ज़िन्दा पैदा होता तो) सिर्फ हमारे मर्दों के लिए हलाल है और हमारी औरतों पर हराम है और अगर वह मरा हुआ हो तो सब के सब उसमें शरीक हैं ख़ुदा अनक़रीब उनको बातें बनाने की सज़ा देगा बेशक वह हिकमत वाला बड़ा वाक़िफकार है |
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929 | 6 | 140 | قد خسر الذين قتلوا أولادهم سفها بغير علم وحرموا ما رزقهم الله افتراء على الله قد ضلوا وما كانوا مهتدين |
| | | बेशक जिन लोगों ने अपनी औलाद को बे समझे बूझे बेवकूफी से मार डाला और जो रोज़ी ख़ुदा ने उन्हें दी थी उसे ख़ुदा पर इफ़तेरा (बोहतान) बाँध कर अपने ऊपर हराम कर डाला और वह सख्त घाटे में है ये यक़ीनन राहे हक़ से भटक गऐ और ये हिदायत पाने वाले थे भी नहीं |
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930 | 6 | 141 | وهو الذي أنشأ جنات معروشات وغير معروشات والنخل والزرع مختلفا أكله والزيتون والرمان متشابها وغير متشابه كلوا من ثمره إذا أثمر وآتوا حقه يوم حصاده ولا تسرفوا إنه لا يحب المسرفين |
| | | और वह तो वही ख़ुदा है जिसने बहुतेरे बाग़ पैदा किए (जिनमें मुख्तलिफ दरख्त हैं - कुछ तो अंगूर की तरह टट्टियों पर) चढ़ाए हुए और (कुछ) बे चढ़ाए हुए और खजूर के दरख्त और खेती जिसमें फल मुख्तलिफ़ किस्म के हैं और ज़ैतून और अनार बाज़ तो सूरत रंग मज़े में, मिलते जुलते और (बाज़) बेमेल (लोगों) जब ये चीज़े फलें तो उनका फल खाओ और उन चीज़ों के काटने के दिन ख़ुदा का हक़ (ज़कात) दे दो और ख़बरदार फज़ूल ख़र्ची न करो - क्यों कि वह (ख़ुदा) फुज़ूल ख़र्चे से हरगिज़ उलफत नहीं रखता |
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931 | 6 | 142 | ومن الأنعام حمولة وفرشا كلوا مما رزقكم الله ولا تتبعوا خطوات الشيطان إنه لكم عدو مبين |
| | | और चारपायों में से कुछ तो बोझ उठाने वाले (बड़े बड़े) और कुछ ज़मीन से लगे हुए (छोटे छोटे) पैदा किए ख़ुदा ने जो तुम्हें रोज़ी दी है उस में से खाओ और शैतान के क़दम ब क़दम न चलो |
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932 | 6 | 143 | ثمانية أزواج من الضأن اثنين ومن المعز اثنين قل آلذكرين حرم أم الأنثيين أما اشتملت عليه أرحام الأنثيين نبئوني بعلم إن كنتم صادقين |
| | | (क्यों कि) वह तो यक़ीनन तुम्हारा खुला हुआ दुश्मन है (ख़ुदा ने नर मादा मिलाकर) आठ (क़िस्म के) जोड़े पैदा किए हैं - भेड़ से (नर मादा) दो और बकरी से (नर मादा) दो (ऐ रसूल उन काफिरों से) पूछो तो कि ख़ुदा ने (उन दोनों भेड़ बकरी के) दोनों नरों को हराम कर दिया है या उन दोनों मादनियों को या उस बच्चे को जो उन दोनों मादनियों के पेट से अन्दर लिए हुए हैं |
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933 | 6 | 144 | ومن الإبل اثنين ومن البقر اثنين قل آلذكرين حرم أم الأنثيين أما اشتملت عليه أرحام الأنثيين أم كنتم شهداء إذ وصاكم الله بهذا فمن أظلم ممن افترى على الله كذبا ليضل الناس بغير علم إن الله لا يهدي القوم الظالمين |
| | | अगर तुम सच्चे हो तो ज़रा समझ के मुझे बताओ और ऊँट के (नर मादा) दो और गाय के (नर मादा) दो (ऐ रसूल तुम उनसे) पूछो कि ख़ुदा ने उन दोनों (ऊँट गाय के) नरों को हराम किया या दोनों मादनियोंको या उस बच्चे को जो दोनों मादनियों के पेट अपने अन्दर लिये हुए है क्या जिस वक्त ख़ुदा ने तुमको उसका हुक्म दिया था तुम उस वक्त मौजूद थे फिर जो ख़ुदा पर झूठ बोताहन बॉधे उससे ज्यादा ज़ालिम कौन होगा ताकि लोगों के वे समझे बूझे गुमराह करें ख़ुदा हरगिज़ ज़ालिम क़ौम में मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुचाता |
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934 | 6 | 145 | قل لا أجد في ما أوحي إلي محرما على طاعم يطعمه إلا أن يكون ميتة أو دما مسفوحا أو لحم خنزير فإنه رجس أو فسقا أهل لغير الله به فمن اضطر غير باغ ولا عاد فإن ربك غفور رحيم |
| | | (ऐ रसूल) तुम कहो कि मै तो जो (क़ुरान) मेरे पास वही के तौर पर आया है उसमें कोई चीज़ किसी खाने वाले पर जो उसको खाए हराम नहीं पाता मगर जबकि वह मुर्दा या बहता हुआ ख़़ून या सूअर का गोश्त हो तो बेशक ये (चीजे) नापाक और हराम हैं या (वह जानवर) नाफरमानी का बाएस हो कि (वक्ते ़ज़िबहा) ख़ुदा के सिवा किसी और का नाम लिया गया हो फिर जो शख्स (हर तरह) बेबस हो जाए (और) नाफरमान व सरकश न हो और इस हालत में खाए तो अलबत्ता तुम्हारा परवरदिगार बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
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935 | 6 | 146 | وعلى الذين هادوا حرمنا كل ذي ظفر ومن البقر والغنم حرمنا عليهم شحومهما إلا ما حملت ظهورهما أو الحوايا أو ما اختلط بعظم ذلك جزيناهم ببغيهم وإنا لصادقون |
| | | और हमने यहूदियों पर तमाम नाख़ूनदार जानवर हराम कर दिये थे और गाय और बकरी दोनों की चरबियां भी उन पर हराम कर दी थी मगर जो चरबी उनकी दोनों पीठ या आतों पर लगी हो या हडड्ी से मिली हुई हो (वह हलाल थी) ये हमने उन्हें उनकी सरक़शी की सज़ा दी थी और उसमें तो शक ही नहीं कि हम ज़रूर सच्चे हैं |
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936 | 6 | 147 | فإن كذبوك فقل ربكم ذو رحمة واسعة ولا يرد بأسه عن القوم المجرمين |
| | | (ऐ रसूल) पर अगर वह तुम्हें झुठलाएं तो तुम (जवाब) में कहो कि (अगरचे) तुम्हारा परवरदिगार बड़ी वसीह रहमत वाला है मगर उसका अज़ाब गुनाहगार लोगों से टलता भी नहीं |
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