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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
905 | 6 | 116 | وإن تطع أكثر من في الأرض يضلوك عن سبيل الله إن يتبعون إلا الظن وإن هم إلا يخرصون |
| | | और धरती में अधिकतर लोग ऐसे है, यदि तुम उनके कहने पर चले तो वे अल्लाह के मार्ग से तुम्हें भटका देंगे। वे तो केवल अटकल के पीछे चलते है और वे निरे अटकल ही दौड़ाते है |
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906 | 6 | 117 | إن ربك هو أعلم من يضل عن سبيله وهو أعلم بالمهتدين |
| | | निस्संदेह तुम्हारा रब उसे भली-भाँति जानता है, जो उसके मार्ग से भटकता और वह उन्हें भी जानता है, जो सीधे मार्ग पर है |
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907 | 6 | 118 | فكلوا مما ذكر اسم الله عليه إن كنتم بآياته مؤمنين |
| | | अतः जिसपर अल्लाह का नाम लिया गया हो, उसे खाओ; यदि तुम उसकी आयतों को मानते हो |
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908 | 6 | 119 | وما لكم ألا تأكلوا مما ذكر اسم الله عليه وقد فصل لكم ما حرم عليكم إلا ما اضطررتم إليه وإن كثيرا ليضلون بأهوائهم بغير علم إن ربك هو أعلم بالمعتدين |
| | | और क्या आपत्ति है कि तुम उसे न खाओ, जिसपर अल्लाह का नाम लिया गया हो, बल्कि जो कुछ चीज़े उसने तुम्हारे लिए हराम कर दी है, उनको उसने विस्तारपूर्वक तुम्हे बता दिया है। यह और बात है कि उसके लिए कभी तुम्हें विवश होना पड़े। परन्तु अधिकतर लोग तो ज्ञान के बिना केवल अपनी इच्छाओं (ग़लत विचारों) के द्वारा पथभ्रष्टो करते रहते है। निस्सन्देह तुम्हारा रब मर्यादाहीन लोगों को भली-भाँति जानता है |
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909 | 6 | 120 | وذروا ظاهر الإثم وباطنه إن الذين يكسبون الإثم سيجزون بما كانوا يقترفون |
| | | छोड़ो खुले गुनाह को भी और छिपे को भी। निश्चय ही गुनाह कमानेवालों को उसका बदला दिया जाएगा, जिस कमाई में वे लगे रहे होंगे |
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910 | 6 | 121 | ولا تأكلوا مما لم يذكر اسم الله عليه وإنه لفسق وإن الشياطين ليوحون إلى أوليائهم ليجادلوكم وإن أطعتموهم إنكم لمشركون |
| | | और उसे न खाओं जिसपर अल्लाह का नाम न लिया गया हो। निश्चय ही वह तो आज्ञा का उल्लंघन है। शैतान तो अपने मित्रों के दिलों में डालते है कि वे तुमसे झगड़े। यदि तुमने उनकी बात मान ली तो निश्चय ही तुम बहुदेववादी होगे |
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911 | 6 | 122 | أومن كان ميتا فأحييناه وجعلنا له نورا يمشي به في الناس كمن مثله في الظلمات ليس بخارج منها كذلك زين للكافرين ما كانوا يعملون |
| | | क्या वह व्यक्ति जो पहले मुर्दा था, फिर उसे हमने जीवित किया और उसके लिए एक प्रकाश उपलब्ध किया जिसको लिए हुए वह लोगों के बीच चलता-फिरता है, उस व्यक्ति को तरह हो सकता है जो अँधेरों में पड़ा हुआ हो, उससे कदापि निकलनेवाला न हो? ऐसे ही इनकार करनेवालों के कर्म उनके लिए सुहाबने बनाए गए है |
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912 | 6 | 123 | وكذلك جعلنا في كل قرية أكابر مجرميها ليمكروا فيها وما يمكرون إلا بأنفسهم وما يشعرون |
| | | और इसी प्रकार हमने प्रत्येक बस्ती में उसके बड़े-बड़े अपराधियों को लगा दिया है कि ले वहाँ चालें चले। वे अपने ही विरुद्ध चालें चलते है, किन्तु उन्हें इसका एहसास नहीं |
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913 | 6 | 124 | وإذا جاءتهم آية قالوا لن نؤمن حتى نؤتى مثل ما أوتي رسل الله الله أعلم حيث يجعل رسالته سيصيب الذين أجرموا صغار عند الله وعذاب شديد بما كانوا يمكرون |
| | | और जब उनके पास कोई आयत (निशानी) आता है, तो वे कहते है, "हम कदापि नहीं मानेंगे, जब तक कि वैसी ही चीज़ हमें न दी जाए जो अल्लाह के रसूलों को दी गई हैं।" अल्लाह भली-भाँति उस (के औचित्य) को जानता है, जिसमें वह अपनी पैग़म्बरी रखता है। अपराधियों को शीघ्र ही अल्लाह के यहाँ बड़े अपमान और कठोर यातना का सामना करना पड़ेगा, उस चाल के कारण जो वे चलते रहे है |
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914 | 6 | 125 | فمن يرد الله أن يهديه يشرح صدره للإسلام ومن يرد أن يضله يجعل صدره ضيقا حرجا كأنما يصعد في السماء كذلك يجعل الله الرجس على الذين لا يؤمنون |
| | | अतः (वास्तविकता यह है कि) जिसे अल्लाह सीधे मार्ग पर लाना चाहता है, उसका सीना इस्लाम के लिए खोल देता है। और जिसे गुमराही में पड़ा रहने देता चाहता है, उसके सीने को तंग और भिंचा हुआ कर देता है; मानो वह आकाश में चढ़ रहा है। इस तरह अल्लाह उन लोगों पर गन्दगी डाल देता है, जो ईमान नहीं लाते |
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