بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
1023الذين يؤمنون بالغيب ويقيمون الصلاة ومما رزقناهم ينفقون
जो ग़ैब पर ईमान लाते हैं और (पाबन्दी से) नमाज़ अदा करते हैं और जो कुछ हमने उनको दिया है उसमें से (राहे खुदा में) ख़र्च करते हैं
1124والذين يؤمنون بما أنزل إليك وما أنزل من قبلك وبالآخرة هم يوقنون
और जो कुछ तुम पर (ऐ रसूल) और तुम से पहले नाज़िल किया गया है उस पर ईमान लाते हैं और वही आख़िरत का यक़ीन भी रखते हैं
1225أولئك على هدى من ربهم وأولئك هم المفلحون
यही लोग अपने परवरदिगार की हिदायत पर (आमिल) हैं और यही लोग अपनी दिली मुरादें पाएँगे
1326إن الذين كفروا سواء عليهم أأنذرتهم أم لم تنذرهم لا يؤمنون
बेशक जिन लोगों ने कुफ़्र इख़तेयार किया उनके लिए बराबर है (ऐ रसूल) ख्वाह (चाहे) तुम उन्हें डराओ या न डराओ वह ईमान न लाएँगे
1427ختم الله على قلوبهم وعلى سمعهم وعلى أبصارهم غشاوة ولهم عذاب عظيم
उनके दिलों पर और उनके कानों पर (नज़र करके) खुदा ने तसदीक़ कर दी है (कि ये ईमान न लाएँगे) और उनकी ऑंखों पर परदा (पड़ा हुआ) है और उन्हीं के लिए (बहुत) बड़ा अज़ाब है
1528ومن الناس من يقول آمنا بالله وباليوم الآخر وما هم بمؤمنين
और बाज़ लोग ऐसे भी हैं जो (ज़बान से तो) कहते हैं कि हम खुदा पर और क़यामत पर ईमान लाए हालाँकि वह दिल से ईमान नहीं लाए
1629يخادعون الله والذين آمنوا وما يخدعون إلا أنفسهم وما يشعرون
खुदा को और उन लोगों को जो ईमान लाए धोखा देते हैं हालाँकि वह अपने आपको धोखा देते हैं और कुछ शऊर नहीं रखते हैं
17210في قلوبهم مرض فزادهم الله مرضا ولهم عذاب أليم بما كانوا يكذبون
उनके दिलों में मर्ज़ था ही अब खुदा ने उनके मर्ज़ को और बढ़ा दिया और चूँकि वह लोग झूठ बोला करते थे इसलिए उन पर तकलीफ देह अज़ाब है
18211وإذا قيل لهم لا تفسدوا في الأرض قالوا إنما نحن مصلحون
और जब उनसे कहा जाता है कि मुल्क में फसाद न करते फिरो (तो) कहते हैं कि हम तो सिर्फ इसलाह करते हैं
19212ألا إنهم هم المفسدون ولكن لا يشعرون
ख़बरदार हो जाओ बेशक यही लोग फसादी हैं लेकिन समझते नहीं


0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

2461232211396129615222072031498734115120