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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
869 | 6 | 80 | وحاجه قومه قال أتحاجوني في الله وقد هدان ولا أخاف ما تشركون به إلا أن يشاء ربي شيئا وسع ربي كل شيء علما أفلا تتذكرون |
| | | और उनकी क़ौम के लोग उनसे हुज्जत करने लगे तो इबराहीम ने कहा था क्या तुम मुझसे ख़ुदा के बारे में हुज्जत करते हो हालॉकि वह यक़ीनी मेरी हिदायत कर चुका और तुम मे जिन बुतों को उसका शरीक मानते हो मै उनसे डरता (वरता) नहीं (वह मेरा कुछ नहीं कर सकते) मगर हॉ मेरा ख़ुदा खुद (करना) चाहे तो अलबत्ता कर सकता है मेरा परवरदिगार तो बाएतबार इल्म के सब पर हावी है तो क्या उस पर भी तुम नसीहत नहीं मानते |
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870 | 6 | 81 | وكيف أخاف ما أشركتم ولا تخافون أنكم أشركتم بالله ما لم ينزل به عليكم سلطانا فأي الفريقين أحق بالأمن إن كنتم تعلمون |
| | | और जिन्हें तुम ख़ुदा का शरीक बताते हो मै उन से क्यों डरुँ जब तुम इस बात से नहीं डरते कि तुमने ख़ुदा का शरीक ऐसी चीज़ों को बनाया है जिनकी ख़ुदा ने कोई सनद तुम पर नहीं नाज़िल की फिर अगर तुम जानते हो तो (भला बताओ तो सही कि) हम दोनों फरीक़ (गिरोह) में अमन क़ायम रखने का ज्यादा हक़दार कौन है |
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871 | 6 | 82 | الذين آمنوا ولم يلبسوا إيمانهم بظلم أولئك لهم الأمن وهم مهتدون |
| | | जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अपने ईमान को ज़ुल्म (शिर्क) से आलूदा नहीं किया उन्हीं लोगों के लिए अमन (व इतमिनान) है और यही लोग हिदायत याफ़ता हैं |
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872 | 6 | 83 | وتلك حجتنا آتيناها إبراهيم على قومه نرفع درجات من نشاء إن ربك حكيم عليم |
| | | और ये हमारी (समझाई बुझाई) दलीलें हैं जो हमने इबराहीम को अपनी क़ौम पर (ग़ालिब आने के लिए) अता की थी हम जिसके मरतबे चाहते हैं बुलन्द करते हैं बेशक तुम्हारा परवरदिगार हिक़मत वाला बाख़बर है |
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873 | 6 | 84 | ووهبنا له إسحاق ويعقوب كلا هدينا ونوحا هدينا من قبل ومن ذريته داوود وسليمان وأيوب ويوسف وموسى وهارون وكذلك نجزي المحسنين |
| | | और हमने इबराहीम को इसहाक़ वा याक़ूब (सा बेटा पोता) अता किया हमने सबकी हिदायत की और उनसे पहले नूह को (भी) हम ही ने हिदायत की और उन्हीं (इबराहीम) को औलाद से दाऊद व सुलेमान व अय्यूब व यूसुफ व मूसा व हारुन (सब की हमने हिदायत की) और नेकों कारों को हम ऐसा ही इल्म अता फरमाते हैं |
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874 | 6 | 85 | وزكريا ويحيى وعيسى وإلياس كل من الصالحين |
| | | और ज़करिया व यहया व ईसा व इलियास (सब की हिदायत की (और ये) सब (ख़ुदा के) नेक बन्दों से हैं |
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875 | 6 | 86 | وإسماعيل واليسع ويونس ولوطا وكلا فضلنا على العالمين |
| | | और इसमाइल व इलियास व युनूस व लूत (की भी हिदायत की) और सब को सारे जहाँन पर फज़ीलत अता की |
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876 | 6 | 87 | ومن آبائهم وذرياتهم وإخوانهم واجتبيناهم وهديناهم إلى صراط مستقيم |
| | | और (सिर्फ उन्हीं को नहीं बल्कि) उनके बाप दादाओं और उनकी औलाद और उनके भाई बन्दों में से (बहुतेरों को) और उनके मुन्तख़िब किया और उन्हें सीधी राह की हिदायत की |
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877 | 6 | 88 | ذلك هدى الله يهدي به من يشاء من عباده ولو أشركوا لحبط عنهم ما كانوا يعملون |
| | | (देखो) ये ख़ुदा की हिदायत है अपने बन्दों से जिसको चाहे उसीकी वजह से राह पर लाए और अगर उन लोगों ने शिर्क किया होता तो उनका किया (धरा) सब अकारत हो जाता |
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878 | 6 | 89 | أولئك الذين آتيناهم الكتاب والحكم والنبوة فإن يكفر بها هؤلاء فقد وكلنا بها قوما ليسوا بها بكافرين |
| | | (पैग़म्बर) वह लोग थे जिनको हमने (आसमानी) किताब और हुकूमत और नुबूवत अता फरमाई पस अगर ये लोग उसे भी न माने तो (कुछ परवाह नहीं) हमने तो उस पर ऐसे लोगों को मुक़र्रर कर दिया हे जो (उनकी तरह) इन्कार करने वाले नहीं |
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