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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
862 | 6 | 73 | وهو الذي خلق السماوات والأرض بالحق ويوم يقول كن فيكون قوله الحق وله الملك يوم ينفخ في الصور عالم الغيب والشهادة وهو الحكيم الخبير |
| | | "और वही है जिसने आकाशों और धरती को हक़ के साथ पैदा किया। और जिस समय वह किसी चीज़ को कहे, 'हो जा', तो वह उसी समय वह हो जाती है। उसकी बात सर्वथा सत्य है और जिस दिन 'सूर' (नरसिंघा) में फूँक मारी जाएगी, राज्य उसी का होगा। वह सभी छिपी और खुली चीज़ का जाननेवाला है, और वही तत्वदर्शी, ख़बर रखनेवाला है।" |
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863 | 6 | 74 | وإذ قال إبراهيم لأبيه آزر أتتخذ أصناما آلهة إني أراك وقومك في ضلال مبين |
| | | और याद करो, जब इबराहीम ने अपने बाप आज़र से कहा था, "क्या तुम मूर्तियों को पूज्य बनाते हो? मैं तो तुम्हें और तुम्हारी क़ौम को खुली गुमराही में पड़ा देख रहा हूँ।" |
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864 | 6 | 75 | وكذلك نري إبراهيم ملكوت السماوات والأرض وليكون من الموقنين |
| | | और इस प्रकार हम इबराहीम को आकाशों और धरती का राज्य दिखाने लगे (ताकि उसके ज्ञान का विस्तार हो) और इसलिए कि उसे विश्वास हो |
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865 | 6 | 76 | فلما جن عليه الليل رأى كوكبا قال هذا ربي فلما أفل قال لا أحب الآفلين |
| | | अतएवः जब रात उसपर छा गई, तो उसने एक तारा देखा। उसने कहा, "इसे मेरा रब ठहराते हो!" फिर जब वह छिप गया तो बोला, "छिप जानेवालों से मैं प्रेम नहीं करता।" |
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866 | 6 | 77 | فلما رأى القمر بازغا قال هذا ربي فلما أفل قال لئن لم يهدني ربي لأكونن من القوم الضالين |
| | | फिर जब उसने चाँद को चमकता हुआ देखा, तो कहा, "इसको मेरा रब ठहराते हो!" फिर जब वह छिप गया, तो कहा, "यदि मेरा रब मुझे मार्ग न दिखाता तो मैं भी पथभ्रष्ट! लोगों में सम्मिलित हो जाता।" |
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867 | 6 | 78 | فلما رأى الشمس بازغة قال هذا ربي هذا أكبر فلما أفلت قال يا قوم إني بريء مما تشركون |
| | | फिर जब उसने सूर्य को चमकता हुआ देखा, तो कहा, "इसे मेरा रब ठहराते हो! यह तो बहुत बड़ा है।" फिर जब वह भी छिप गया, तो कहा, "ऐ मेरी क़ौन के लोगो! मैं विरक्त हूँ उनसे जिनको तुम साझी ठहराते हो |
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868 | 6 | 79 | إني وجهت وجهي للذي فطر السماوات والأرض حنيفا وما أنا من المشركين |
| | | "मैंने तो एकाग्र होकर अपना मुख उसकी ओर कर लिया है, जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया। और मैं साझी ठहरानेवालों में से नहीं।" |
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869 | 6 | 80 | وحاجه قومه قال أتحاجوني في الله وقد هدان ولا أخاف ما تشركون به إلا أن يشاء ربي شيئا وسع ربي كل شيء علما أفلا تتذكرون |
| | | उसकी क़ौम के लोग उससे झगड़ने लगे। उसने कहा, "क्या तुम मुझसे अल्लाह के विषय में झगड़ते हो? जबकि उसने मुझे मार्ग दिखा दिया है। मैं उनसे नहीं डरता, जिन्हें तुम उसका सहभागी ठहराते हो, बल्कि मेरा रब जो कुछ चाहता है वही पूरा होकर रहता है। प्रत्येक वस्तु मेरे रब की ज्ञान-परिधि के भीतर है। फिर क्या तुम चेतोगे नहीं? |
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870 | 6 | 81 | وكيف أخاف ما أشركتم ولا تخافون أنكم أشركتم بالله ما لم ينزل به عليكم سلطانا فأي الفريقين أحق بالأمن إن كنتم تعلمون |
| | | "और मैं तुम्हारे ठहराए हुए साझीदारो से कैसे डरूँ, जबकि तुम इस बात से नहीं डरते कि तुमने उसे अल्लाह का सहभागी उस चीज़ को ठहराया है, जिसका उसने तुमपर कोई प्रमाण अवतरित नहीं किया? अब दोनों फ़रीकों में से कौन अधिक निश्चिन्त रहने का अधिकारी है? बताओ यदि तुम जानते हो |
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871 | 6 | 82 | الذين آمنوا ولم يلبسوا إيمانهم بظلم أولئك لهم الأمن وهم مهتدون |
| | | "जो लोग ईमान लाए और अपने ईमान में किसी (शिर्क) ज़ुल्म की मिलावट नहीं की, वही लोग है जो भय मुक्त है और वही सीधे मार्ग पर हैं।" |
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