بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
824635وإن كان كبر عليك إعراضهم فإن استطعت أن تبتغي نفقا في الأرض أو سلما في السماء فتأتيهم بآية ولو شاء الله لجمعهم على الهدى فلا تكونن من الجاهلين
और यदि उनकी विमुखता तुम्हारे लिए असहनीय है, तो यदि तुमसे हो सके कि धरती में कोई सुरंग या आकाश में कोई सीढ़ी ढूँढ़ निकालो और उनके पास कोई निशानी ले आओ, तो (ऐसा कर देखो), यदि अल्लाह चाहता तो उन सबको सीधे मार्ग पर इकट्ठा कर देता। अतः तुम उजड्ड और नादान न बनना
825636إنما يستجيب الذين يسمعون والموتى يبعثهم الله ثم إليه يرجعون
मानते हो वही लोग है जो सुनते है, रहे मुर्दे, तो अल्लाह उन्हें (क़ियामत के दिन) उठा खड़ा करेगा; फिर वे उसी के ओर पलटेंगे
826637وقالوا لولا نزل عليه آية من ربه قل إن الله قادر على أن ينزل آية ولكن أكثرهم لا يعلمون
वे यह भी कहते है, "उस (नबी) पर उसके रब की ओर से कोई निशानी क्यों नहीं उतारी गई?" कह दो, "अल्लाह को तो इसकी सामर्थ्य प्राप्त है कि कोई निशानी उतार दे; परन्तु उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते।"
827638وما من دابة في الأرض ولا طائر يطير بجناحيه إلا أمم أمثالكم ما فرطنا في الكتاب من شيء ثم إلى ربهم يحشرون
धरती में चलने-फिरनेवाला कोई भी प्राणी हो या अपने दो परो से उड़नवाला कोई पक्षी, ये सब तुम्हारी ही तरह के गिरोह है। हमने किताब में कोई भी चीज़ नहीं छोड़ी है। फिर वे अपने रब की ओर इकट्ठे किए जाएँगे
828639والذين كذبوا بآياتنا صم وبكم في الظلمات من يشإ الله يضلله ومن يشأ يجعله على صراط مستقيم
जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया, वे बहरे और गूँगे है, अँधेरों में पड़े हुए हैं। अल्लाह जिसे चाहे भटकने दे और जिसे चाहे सीधे मार्ग पर लगा दे
829640قل أرأيتكم إن أتاكم عذاب الله أو أتتكم الساعة أغير الله تدعون إن كنتم صادقين
कहो, "क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि तुमपर अल्लाह की यातना आ पड़े या वह घड़ी तुम्हारे सामने आ जाए, तो क्या अल्लाह के सिवा किसी और को पुकारोगे? बोलो, यदि तुम सच्चे हो?
830641بل إياه تدعون فيكشف ما تدعون إليه إن شاء وتنسون ما تشركون
"बल्कि तुम उसी को पुकारते हो - फिर जिसके लिए तुम उसे पुकारते हो, वह चाहता है तो उसे दूर कर देता है - और उन्हें भूल जाते हो जिन्हें साझीदार ठहराते हो।"
831642ولقد أرسلنا إلى أمم من قبلك فأخذناهم بالبأساء والضراء لعلهم يتضرعون
तुमसे पहले कितने ही समुदायों की ओर हमने रसूल भेजे कि उन्हें तंगियों और मुसीबतों में डाला, ताकि वे विनम्र हों
832643فلولا إذ جاءهم بأسنا تضرعوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون
जब हमारी ओर से उनपर सख्ती आई तो फिर क्यों न विनम्र हुए? परन्तु उनके हृदय तो कठोर हो गए थे और जो कुछ वे करते थे शैतान ने उसे उनके लिए मोहक बना दिया
833644فلما نسوا ما ذكروا به فتحنا عليهم أبواب كل شيء حتى إذا فرحوا بما أوتوا أخذناهم بغتة فإذا هم مبلسون
फिर जब उसे उन्होंने भुला दिया जो उन्हें याद दिलाई गई थी, तो हमने उनपर हर चीज़ के दरवाज़े खोल दिए; यहाँ तक कि जो कुछ उन्हें मिला था, जब वे उसमें मग्न हो गए तो अचानक हमने उन्हें पकड़ लिया, तो क्या देखते है कि वे बिल्कुल निराश होकर रह गए


0 ... 72.3 73.3 74.3 75.3 76.3 77.3 78.3 79.3 80.3 81.3 83.3 84.3 85.3 86.3 87.3 88.3 89.3 90.3 91.3 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

5572524736482169551043945301466552076086