بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
814625ومنهم من يستمع إليك وجعلنا على قلوبهم أكنة أن يفقهوه وفي آذانهم وقرا وإن يروا كل آية لا يؤمنوا بها حتى إذا جاءوك يجادلونك يقول الذين كفروا إن هذا إلا أساطير الأولين
और उनमें कुछ लोग ऐसे है जो तुम्हारी ओर कान लगाते है, हालाँकि हमने तो उनके दिलों पर परदे डाल रखे है कि वे उसे समझ न सकें और उनके कानों में बोझ डाल दिया है। और वे चाहे प्रत्येक निशानी देख लें तब भी उसे मानेंगे नहीं; यहाँ तक कि जब वे तुम्हारे पास आकर तुमसे झगड़ते है, तो अविश्वास की नीति अपनानेवाले कहते है, "यह तो बस पहले को लोगों की गाथाएँ है।"
815626وهم ينهون عنه وينأون عنه وإن يهلكون إلا أنفسهم وما يشعرون
और वे उससे दूसरों को रोकते है और स्वयं भी उससे दूर रहते है। वे तो बस अपने आपको ही विनष्ट कर रहे है, किन्तु उन्हें इसका एहसास नहीं
816627ولو ترى إذ وقفوا على النار فقالوا يا ليتنا نرد ولا نكذب بآيات ربنا ونكون من المؤمنين
और यदि तुम उस समय देख सकते, जब वे आग के निकट खड़े किए जाएँगे और कहेंगे, "काश! क्या ही अच्छा होता कि हम फिर लौटा दिए जाएँ (कि माने) और अपने रब की आयतों को न झुठलाएँ और माननेवालों में हो जाएँ।"
817628بل بدا لهم ما كانوا يخفون من قبل ولو ردوا لعادوا لما نهوا عنه وإنهم لكاذبون
कुछ नहीं, बल्कि जो कुछ वे पहले छिपाया करते थे, वह उनके सामने आ गया। और यदि वे लौटा भी दिए जाएँ, तो फिर वही कुछ करने लगेंगे जिससे उन्हें रोका गया था। निश्चय ही वे झूठे है
818629وقالوا إن هي إلا حياتنا الدنيا وما نحن بمبعوثين
और वे कहते है, "जो कुछ है बस यही हमारा सांसारिक जीवन है; हम कोई फिर उठाए जानेवाले नहीं हैं।"
819630ولو ترى إذ وقفوا على ربهم قال أليس هذا بالحق قالوا بلى وربنا قال فذوقوا العذاب بما كنتم تكفرون
और यदि तुम देख सकते जब वे अपने रब के सामने खड़े किेए जाएँगे! वह कहेगा, "क्या यह यर्थाथ नहीं है?" कहेंगे, "क्यों नही, हमारे रब की क़सम!" वह कहेगा, "अच्छा तो उस इनकार के बदले जो तुम करते रहें हो, यातना का मज़ा चखो।"
820631قد خسر الذين كذبوا بلقاء الله حتى إذا جاءتهم الساعة بغتة قالوا يا حسرتنا على ما فرطنا فيها وهم يحملون أوزارهم على ظهورهم ألا ساء ما يزرون
वे लोग घाटे में पड़े, जिन्होंने अल्लाह से मिलने को झुठलाया, यहाँ तक कि जब अचानक उनपर वह घड़ी आ जाएगी तो वे कहेंगे, "हाय! अफ़सोस, उस कोताही पर जो इसके विषय में हमसे हुई।" और हाल यह होगा कि वे अपने बोझ अपनी पीठों पर उठाए होंगे। देखो, कितना बुरा बोझ है जो ये उठाए हुए है!
821632وما الحياة الدنيا إلا لعب ولهو وللدار الآخرة خير للذين يتقون أفلا تعقلون
सांसारिक जीवन तो एक खेल और तमाशे (ग़फलत) के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है जबकि आख़िरत का घर उन लोगों के लिए अच्छा है, जो डर रखते है। तो क्या तुम बुद्धि से काम नहीं लेते?
822633قد نعلم إنه ليحزنك الذي يقولون فإنهم لا يكذبونك ولكن الظالمين بآيات الله يجحدون
हमें मालूम है, जो कुछ वे कहते है उससे तुम्हें दुख पहुँचता है। तो वे वास्तव में तुम्हें नहीं झुठलाते, बल्कि उन अत्याचारियो को तो अल्लाह की आयतों से इनकार है
823634ولقد كذبت رسل من قبلك فصبروا على ما كذبوا وأوذوا حتى أتاهم نصرنا ولا مبدل لكلمات الله ولقد جاءك من نبإ المرسلين
तुमसे पहले भी बहुत-से रसूल झुठलाए जा चुके है, तो वे अपने झुठलाए जाने और कष्ट पहुँचाए जाने पर धैर्य से काम लेते रहे, यहाँ तक कि उन्हें हमारी सहायता पहुँच गई। कोई नहीं जो अल्लाह की बातों को बदल सके। तुम्हारे पास तो रसूलों की कुछ ख़बरें पहुँच ही चुकी है


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