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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
814 | 6 | 25 | ومنهم من يستمع إليك وجعلنا على قلوبهم أكنة أن يفقهوه وفي آذانهم وقرا وإن يروا كل آية لا يؤمنوا بها حتى إذا جاءوك يجادلونك يقول الذين كفروا إن هذا إلا أساطير الأولين |
| | | और उनमें कुछ लोग ऐसे है जो तुम्हारी ओर कान लगाते है, हालाँकि हमने तो उनके दिलों पर परदे डाल रखे है कि वे उसे समझ न सकें और उनके कानों में बोझ डाल दिया है। और वे चाहे प्रत्येक निशानी देख लें तब भी उसे मानेंगे नहीं; यहाँ तक कि जब वे तुम्हारे पास आकर तुमसे झगड़ते है, तो अविश्वास की नीति अपनानेवाले कहते है, "यह तो बस पहले को लोगों की गाथाएँ है।" |
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815 | 6 | 26 | وهم ينهون عنه وينأون عنه وإن يهلكون إلا أنفسهم وما يشعرون |
| | | और वे उससे दूसरों को रोकते है और स्वयं भी उससे दूर रहते है। वे तो बस अपने आपको ही विनष्ट कर रहे है, किन्तु उन्हें इसका एहसास नहीं |
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816 | 6 | 27 | ولو ترى إذ وقفوا على النار فقالوا يا ليتنا نرد ولا نكذب بآيات ربنا ونكون من المؤمنين |
| | | और यदि तुम उस समय देख सकते, जब वे आग के निकट खड़े किए जाएँगे और कहेंगे, "काश! क्या ही अच्छा होता कि हम फिर लौटा दिए जाएँ (कि माने) और अपने रब की आयतों को न झुठलाएँ और माननेवालों में हो जाएँ।" |
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817 | 6 | 28 | بل بدا لهم ما كانوا يخفون من قبل ولو ردوا لعادوا لما نهوا عنه وإنهم لكاذبون |
| | | कुछ नहीं, बल्कि जो कुछ वे पहले छिपाया करते थे, वह उनके सामने आ गया। और यदि वे लौटा भी दिए जाएँ, तो फिर वही कुछ करने लगेंगे जिससे उन्हें रोका गया था। निश्चय ही वे झूठे है |
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818 | 6 | 29 | وقالوا إن هي إلا حياتنا الدنيا وما نحن بمبعوثين |
| | | और वे कहते है, "जो कुछ है बस यही हमारा सांसारिक जीवन है; हम कोई फिर उठाए जानेवाले नहीं हैं।" |
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819 | 6 | 30 | ولو ترى إذ وقفوا على ربهم قال أليس هذا بالحق قالوا بلى وربنا قال فذوقوا العذاب بما كنتم تكفرون |
| | | और यदि तुम देख सकते जब वे अपने रब के सामने खड़े किेए जाएँगे! वह कहेगा, "क्या यह यर्थाथ नहीं है?" कहेंगे, "क्यों नही, हमारे रब की क़सम!" वह कहेगा, "अच्छा तो उस इनकार के बदले जो तुम करते रहें हो, यातना का मज़ा चखो।" |
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820 | 6 | 31 | قد خسر الذين كذبوا بلقاء الله حتى إذا جاءتهم الساعة بغتة قالوا يا حسرتنا على ما فرطنا فيها وهم يحملون أوزارهم على ظهورهم ألا ساء ما يزرون |
| | | वे लोग घाटे में पड़े, जिन्होंने अल्लाह से मिलने को झुठलाया, यहाँ तक कि जब अचानक उनपर वह घड़ी आ जाएगी तो वे कहेंगे, "हाय! अफ़सोस, उस कोताही पर जो इसके विषय में हमसे हुई।" और हाल यह होगा कि वे अपने बोझ अपनी पीठों पर उठाए होंगे। देखो, कितना बुरा बोझ है जो ये उठाए हुए है! |
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821 | 6 | 32 | وما الحياة الدنيا إلا لعب ولهو وللدار الآخرة خير للذين يتقون أفلا تعقلون |
| | | सांसारिक जीवन तो एक खेल और तमाशे (ग़फलत) के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है जबकि आख़िरत का घर उन लोगों के लिए अच्छा है, जो डर रखते है। तो क्या तुम बुद्धि से काम नहीं लेते? |
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822 | 6 | 33 | قد نعلم إنه ليحزنك الذي يقولون فإنهم لا يكذبونك ولكن الظالمين بآيات الله يجحدون |
| | | हमें मालूम है, जो कुछ वे कहते है उससे तुम्हें दुख पहुँचता है। तो वे वास्तव में तुम्हें नहीं झुठलाते, बल्कि उन अत्याचारियो को तो अल्लाह की आयतों से इनकार है |
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823 | 6 | 34 | ولقد كذبت رسل من قبلك فصبروا على ما كذبوا وأوذوا حتى أتاهم نصرنا ولا مبدل لكلمات الله ولقد جاءك من نبإ المرسلين |
| | | तुमसे पहले भी बहुत-से रसूल झुठलाए जा चुके है, तो वे अपने झुठलाए जाने और कष्ट पहुँचाए जाने पर धैर्य से काम लेते रहे, यहाँ तक कि उन्हें हमारी सहायता पहुँच गई। कोई नहीं जो अल्लाह की बातों को बदल सके। तुम्हारे पास तो रसूलों की कुछ ख़बरें पहुँच ही चुकी है |
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