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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
800 | 6 | 11 | قل سيروا في الأرض ثم انظروا كيف كان عاقبة المكذبين |
| | | कहो, "धरती में चल-फिरकर देखो कि झुठलानेवालों का क्या परिणाम हुआ!" |
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801 | 6 | 12 | قل لمن ما في السماوات والأرض قل لله كتب على نفسه الرحمة ليجمعنكم إلى يوم القيامة لا ريب فيه الذين خسروا أنفسهم فهم لا يؤمنون |
| | | कहो, "आकाशों और धरती में जो कुछ है किसका है?" कह दो, "अल्लाह ही का है।" उसने दयालुता को अपने ऊपर अनिवार्य कर दिया है। निश्चय ही वह तुम्हें क़ियामत के दिन इकट्ठा करेगा, इसमें कोई सन्देह नहीं है। जिन लोगों ने अपने-आपको घाटे में डाला है, वही है जो ईमान नहीं लाते |
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802 | 6 | 13 | وله ما سكن في الليل والنهار وهو السميع العليم |
| | | हाँ, उसी का है जो भी रात में ठहरता है और दिन में (गतिशील होता है), और वह सब कुछ सुनता, जानता है |
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803 | 6 | 14 | قل أغير الله أتخذ وليا فاطر السماوات والأرض وهو يطعم ولا يطعم قل إني أمرت أن أكون أول من أسلم ولا تكونن من المشركين |
| | | कहो, "क्या मैं आकाशों और धरती को पैदा करनेवाले अल्लाह के सिवा किसी और को संरक्षक बना लूँ? उसका हाल यह है कि वह खिलाता है और स्वयं नहीं खाता।" कहो, "मुझे आदेश हुआ है कि सबसे पहले मैं उसके आगे झुक जाऊँ। और (यह कि) तुम बहुदेववादियों में कदापि सम्मिलित न होना।" |
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804 | 6 | 15 | قل إني أخاف إن عصيت ربي عذاب يوم عظيم |
| | | कहो, "यदि मैं अपने रब की अवज्ञा करूँ, तो उस स्थिति में मुझे एक बड़े (भयानक) दिन की यातना का डर है।" |
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805 | 6 | 16 | من يصرف عنه يومئذ فقد رحمه وذلك الفوز المبين |
| | | उस दिन वह जिसपर से टल गई, उसपर अल्लाह ने दया की, और यही स्पष्ट सफलता है |
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806 | 6 | 17 | وإن يمسسك الله بضر فلا كاشف له إلا هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير |
| | | और यदि अल्लाह तुम्हें कोई कष्ट पहुँचाए तो उसके अतिरिक्त उसे कोई दूर करनेवाला नहीं है और यदि वह तुम्हें कोई भलाई पहुँचाए तो उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है |
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807 | 6 | 18 | وهو القاهر فوق عباده وهو الحكيم الخبير |
| | | उसे अपने बन्दों पर पूर्ण अधिकार प्राप्त है। और वह तत्वदर्शी, ख़बर रखनेवाला है |
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808 | 6 | 19 | قل أي شيء أكبر شهادة قل الله شهيد بيني وبينكم وأوحي إلي هذا القرآن لأنذركم به ومن بلغ أئنكم لتشهدون أن مع الله آلهة أخرى قل لا أشهد قل إنما هو إله واحد وإنني بريء مما تشركون |
| | | कहो, "किस चीज़ की गवाही सबसे बड़ी है?" कहो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह गवाह है। और यह क़ुरआन मेरी ओर वह्यी (प्रकाशना) किया गया है, ताकि मैं इसके द्वारा तुम्हें सचेत कर दूँ। और जिस किसी को यह अल्लाह के साथ दूसरे पूज्य भी है?" तुम कह दो, "मैं तो इसकी गवाही नहीं देता।" कह दो, "वह तो बस अकेला पूज्य है। और तुम जो उसका साझी ठहराते हो, उससे मेरा कोई सम्बन्ध नहीं।" |
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809 | 6 | 20 | الذين آتيناهم الكتاب يعرفونه كما يعرفون أبناءهم الذين خسروا أنفسهم فهم لا يؤمنون |
| | | जिन लोगों को हमने किताब दी है, वे उसे इस प्रकार पहचानते है, जिस प्रकार अपने बेटों को पहचानते है। जिन लोगों ने अपने आपको घाटे में डाला है, वही ईमान नहीं लाते |
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