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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
762 | 5 | 93 | ليس على الذين آمنوا وعملوا الصالحات جناح فيما طعموا إذا ما اتقوا وآمنوا وعملوا الصالحات ثم اتقوا وآمنوا ثم اتقوا وأحسنوا والله يحب المحسنين |
| | | जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे पहले जो कुछ खा-पी चुके उसके लिए उनपर कोई गुनाह नहीं; जबकि वे डर रखें और ईमान पर क़ायम रहें और अच्छे कर्म करें। फिर डर रखें और ईमान लाए, फिर डर रखे और अच्छे से अच्छा कर्म करें। अल्लाह सत्कर्मियों से प्रेम करता है |
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763 | 5 | 94 | يا أيها الذين آمنوا ليبلونكم الله بشيء من الصيد تناله أيديكم ورماحكم ليعلم الله من يخافه بالغيب فمن اعتدى بعد ذلك فله عذاب أليم |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह उस शिकार के द्वारा तुम्हारी अवश्य परीक्षा लेगा जिस तक तुम्हारे हाथ और नेज़े पहुँच सकें, ताकि अल्लाह यह जान ले कि उससे बिन देखे कौन डरता है। फिर इसके पश्चात जिसने ज़्यादती की, उसके लिए दुखद यातना है |
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764 | 5 | 95 | يا أيها الذين آمنوا لا تقتلوا الصيد وأنتم حرم ومن قتله منكم متعمدا فجزاء مثل ما قتل من النعم يحكم به ذوا عدل منكم هديا بالغ الكعبة أو كفارة طعام مساكين أو عدل ذلك صياما ليذوق وبال أمره عفا الله عما سلف ومن عاد فينتقم الله منه والله عزيز ذو انتقام |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! इहराम की हालत में तुम शिकार न मारो। तुम में जो कोई जान-बूझकर उसे मारे, तो उसने जो जानवर मारा हो, चौपायों में से उसी जैसा एक जानवर - जिसका फ़ैसला तुम्हारे दो न्यायप्रिय व्यक्ति कर दें - काबा पहुँचाकर क़ुरबान किया जाए, या प्रायश्चित के रूप में मुहताजों को भोजन कराना होगा या उसके बराबर रोज़े रखने होंगे, ताकि वह अपने किए का मज़ा चख ले। जो पहले हो चुका उसे अल्लाह ने क्षमा कर दिया; परन्तु जिस किसी ने फिर ऐसा किया तो अल्लाह उससे बदला लेगा। अल्लाह प्रभुत्वशाली, बदला लेनेवाला है |
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765 | 5 | 96 | أحل لكم صيد البحر وطعامه متاعا لكم وللسيارة وحرم عليكم صيد البر ما دمتم حرما واتقوا الله الذي إليه تحشرون |
| | | तुम्हारे लिए जल की शिकार और उसका खाना हलाल है कि तुम उससे फ़ायदा उठाओ और मुसाफ़िर भी। किन्तु थलीय शिकार जब तक तुम इहराम में हो, तुमपर हराम है। और अल्लाह से डरते रहो, जिसकी ओर तुम इकट्ठा होगे |
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766 | 5 | 97 | جعل الله الكعبة البيت الحرام قياما للناس والشهر الحرام والهدي والقلائد ذلك لتعلموا أن الله يعلم ما في السماوات وما في الأرض وأن الله بكل شيء عليم |
| | | अल्लाह ने आदरणीय घर काबा को लोगों के लिए क़ायम रहने का साधन बनाया और आदरणीय महीनों और क़ुरबानी के जानबरों और उन जानवरों को भी जिनके गले में पट्टे बँधे हो, यह इसलिए कि तुम जान लो कि अल्लाह जानता है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। और यह कि अल्लाह हर चीज़ से अवगत है |
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767 | 5 | 98 | اعلموا أن الله شديد العقاب وأن الله غفور رحيم |
| | | जान लो अल्लाह कठोर दड देनेवाला है और यह कि अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है |
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768 | 5 | 99 | ما على الرسول إلا البلاغ والله يعلم ما تبدون وما تكتمون |
| | | रसूल पर (सन्देश) पहुँचा देने के अतिरिक्त और कोई ज़िम्मेदारी नहीं। अल्लाह तो जानता है, जो कुछ तुम प्रकट करते हो और जो कुछ तुम छिपाते हो |
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769 | 5 | 100 | قل لا يستوي الخبيث والطيب ولو أعجبك كثرة الخبيث فاتقوا الله يا أولي الألباب لعلكم تفلحون |
| | | कह दो, "बुरी चीज़ और अच्छी चीज़ समान नहीं होती, चाहे बुरी चीज़ों की बहुतायत तुम्हें प्रिय ही क्यों न लगे।" अतः ऐ बुद्धि और समझवालों! अल्लाह का डर रखो, ताकि तुम सफल हो सको |
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770 | 5 | 101 | يا أيها الذين آمنوا لا تسألوا عن أشياء إن تبد لكم تسؤكم وإن تسألوا عنها حين ينزل القرآن تبد لكم عفا الله عنها والله غفور حليم |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! ऐसी चीज़ों के विषय में न पूछो कि वे यदि तुम पर स्पष्ट कर दी जाएँ, तो तुम्हें बूरी लगें। यदि तुम उन्हें ऐसे समय में पूछोगे, जबकि क़ुरआन अवतरित हो रहा है, तो वे तुमपर स्पष्ट कर दी जाएँगी। अल्लाह ने उसे क्षमा कर दिया। अल्लाह बहुत क्षमा करनेवाला, सहनशील है |
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771 | 5 | 102 | قد سألها قوم من قبلكم ثم أصبحوا بها كافرين |
| | | तुमसे पहले कुछ लोग इस तरह के प्रश्न कर चुके हैं, फिर वे उसके कारण इनकार करनेवाले हो गए |
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