بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
762593ليس على الذين آمنوا وعملوا الصالحات جناح فيما طعموا إذا ما اتقوا وآمنوا وعملوا الصالحات ثم اتقوا وآمنوا ثم اتقوا وأحسنوا والله يحب المحسنين
जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे पहले जो कुछ खा-पी चुके उसके लिए उनपर कोई गुनाह नहीं; जबकि वे डर रखें और ईमान पर क़ायम रहें और अच्छे कर्म करें। फिर डर रखें और ईमान लाए, फिर डर रखे और अच्छे से अच्छा कर्म करें। अल्लाह सत्कर्मियों से प्रेम करता है
763594يا أيها الذين آمنوا ليبلونكم الله بشيء من الصيد تناله أيديكم ورماحكم ليعلم الله من يخافه بالغيب فمن اعتدى بعد ذلك فله عذاب أليم
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह उस शिकार के द्वारा तुम्हारी अवश्य परीक्षा लेगा जिस तक तुम्हारे हाथ और नेज़े पहुँच सकें, ताकि अल्लाह यह जान ले कि उससे बिन देखे कौन डरता है। फिर इसके पश्चात जिसने ज़्यादती की, उसके लिए दुखद यातना है
764595يا أيها الذين آمنوا لا تقتلوا الصيد وأنتم حرم ومن قتله منكم متعمدا فجزاء مثل ما قتل من النعم يحكم به ذوا عدل منكم هديا بالغ الكعبة أو كفارة طعام مساكين أو عدل ذلك صياما ليذوق وبال أمره عفا الله عما سلف ومن عاد فينتقم الله منه والله عزيز ذو انتقام
ऐ ईमान लानेवालो! इहराम की हालत में तुम शिकार न मारो। तुम में जो कोई जान-बूझकर उसे मारे, तो उसने जो जानवर मारा हो, चौपायों में से उसी जैसा एक जानवर - जिसका फ़ैसला तुम्हारे दो न्यायप्रिय व्यक्ति कर दें - काबा पहुँचाकर क़ुरबान किया जाए, या प्रायश्चित के रूप में मुहताजों को भोजन कराना होगा या उसके बराबर रोज़े रखने होंगे, ताकि वह अपने किए का मज़ा चख ले। जो पहले हो चुका उसे अल्लाह ने क्षमा कर दिया; परन्तु जिस किसी ने फिर ऐसा किया तो अल्लाह उससे बदला लेगा। अल्लाह प्रभुत्वशाली, बदला लेनेवाला है
765596أحل لكم صيد البحر وطعامه متاعا لكم وللسيارة وحرم عليكم صيد البر ما دمتم حرما واتقوا الله الذي إليه تحشرون
तुम्हारे लिए जल की शिकार और उसका खाना हलाल है कि तुम उससे फ़ायदा उठाओ और मुसाफ़िर भी। किन्तु थलीय शिकार जब तक तुम इहराम में हो, तुमपर हराम है। और अल्लाह से डरते रहो, जिसकी ओर तुम इकट्ठा होगे
766597جعل الله الكعبة البيت الحرام قياما للناس والشهر الحرام والهدي والقلائد ذلك لتعلموا أن الله يعلم ما في السماوات وما في الأرض وأن الله بكل شيء عليم
अल्लाह ने आदरणीय घर काबा को लोगों के लिए क़ायम रहने का साधन बनाया और आदरणीय महीनों और क़ुरबानी के जानबरों और उन जानवरों को भी जिनके गले में पट्टे बँधे हो, यह इसलिए कि तुम जान लो कि अल्लाह जानता है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। और यह कि अल्लाह हर चीज़ से अवगत है
767598اعلموا أن الله شديد العقاب وأن الله غفور رحيم
जान लो अल्लाह कठोर दड देनेवाला है और यह कि अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है
768599ما على الرسول إلا البلاغ والله يعلم ما تبدون وما تكتمون
रसूल पर (सन्देश) पहुँचा देने के अतिरिक्त और कोई ज़िम्मेदारी नहीं। अल्लाह तो जानता है, जो कुछ तुम प्रकट करते हो और जो कुछ तुम छिपाते हो
7695100قل لا يستوي الخبيث والطيب ولو أعجبك كثرة الخبيث فاتقوا الله يا أولي الألباب لعلكم تفلحون
कह दो, "बुरी चीज़ और अच्छी चीज़ समान नहीं होती, चाहे बुरी चीज़ों की बहुतायत तुम्हें प्रिय ही क्यों न लगे।" अतः ऐ बुद्धि और समझवालों! अल्लाह का डर रखो, ताकि तुम सफल हो सको
7705101يا أيها الذين آمنوا لا تسألوا عن أشياء إن تبد لكم تسؤكم وإن تسألوا عنها حين ينزل القرآن تبد لكم عفا الله عنها والله غفور حليم
ऐ ईमान लानेवालो! ऐसी चीज़ों के विषय में न पूछो कि वे यदि तुम पर स्पष्ट कर दी जाएँ, तो तुम्हें बूरी लगें। यदि तुम उन्हें ऐसे समय में पूछोगे, जबकि क़ुरआन अवतरित हो रहा है, तो वे तुमपर स्पष्ट कर दी जाएँगी। अल्लाह ने उसे क्षमा कर दिया। अल्लाह बहुत क्षमा करनेवाला, सहनशील है
7715102قد سألها قوم من قبلكم ثم أصبحوا بها كافرين
तुमसे पहले कुछ लोग इस तरह के प्रश्न कर चुके हैं, फिर वे उसके कारण इनकार करनेवाले हो गए


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