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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
752 | 5 | 83 | وإذا سمعوا ما أنزل إلى الرسول ترى أعينهم تفيض من الدمع مما عرفوا من الحق يقولون ربنا آمنا فاكتبنا مع الشاهدين |
| | | जब वे उसे सुनते है जो रसूल पर अवतरित हुआ तो तुम देखते हो कि उनकी आँखे आँसुओ से छलकने लगती है। इसका कारण यह है कि उन्होंने सत्य को पहचान लिया। वे कहते हैं, "हमारे रब! हम ईमान ले आए। अतएव तू हमारा नाम गवाही देनेवालों में लिख ले |
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753 | 5 | 84 | وما لنا لا نؤمن بالله وما جاءنا من الحق ونطمع أن يدخلنا ربنا مع القوم الصالحين |
| | | "और हम अल्लाह पर और जो सत्य हमारे पास पहुँचा है उसपर ईमान क्यों न लाएँ, जबकि हमें आशा है कि हमारा रब हमें अच्छे लोगों के साथ (जन्नत में) प्रविष्ट, करेगा।" |
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754 | 5 | 85 | فأثابهم الله بما قالوا جنات تجري من تحتها الأنهار خالدين فيها وذلك جزاء المحسنين |
| | | फिर अल्लाह ने उनके इस कथन के कारण उन्हें ऐसे बाग़ प्रदान किए, जिनके नीचे नहरें बहती है, जिनमें वे सदैव रहेंगे। और यही सत्कर्मी लोगो का बदला है |
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755 | 5 | 86 | والذين كفروا وكذبوا بآياتنا أولئك أصحاب الجحيم |
| | | रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वे भड़कती आग (में पड़ने) वाले है |
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756 | 5 | 87 | يا أيها الذين آمنوا لا تحرموا طيبات ما أحل الله لكم ولا تعتدوا إن الله لا يحب المعتدين |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! जो अच्छी पाक चीज़े अल्लाह ने तुम्हारे लिए हलाल की है, उन्हें हराम न कर लो और हद से आगे न बढ़ो। निश्चय ही अल्लाह को वे लोग प्रिय नहीं है, जो हद से आगे बढ़ते है |
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757 | 5 | 88 | وكلوا مما رزقكم الله حلالا طيبا واتقوا الله الذي أنتم به مؤمنون |
| | | जो कुछ अल्लाह ने हलाल और पाक रोज़ी तुम्हें ही है, उसे खाओ और अल्लाह का डर रखो, जिसपर तुम ईमान लाए हो |
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758 | 5 | 89 | لا يؤاخذكم الله باللغو في أيمانكم ولكن يؤاخذكم بما عقدتم الأيمان فكفارته إطعام عشرة مساكين من أوسط ما تطعمون أهليكم أو كسوتهم أو تحرير رقبة فمن لم يجد فصيام ثلاثة أيام ذلك كفارة أيمانكم إذا حلفتم واحفظوا أيمانكم كذلك يبين الله لكم آياته لعلكم تشكرون |
| | | तुम्हारी उन क़समों पर अल्लाह तुम्हें नहीं पकड़ता जो यूँ ही असावधानी से ज़बान से निकल जाती है। परन्तु जो तुमने पक्की क़समें खाई हों, उनपर वह तुम्हें पकड़ेगा। तो इसका प्रायश्चित दस मुहताजों को औसत दर्जें का खाना खिला देना है, जो तुम अपने बाल-बच्चों को खिलाते हो या फिर उन्हें कपड़े पहनाना या एक ग़ुलाम आज़ाद करना होगा। और जिसे इसकी सामर्थ्य न हो, तो उसे तीन दिन के रोज़े रखने होंगे। यह तुम्हारी क़समों का प्रायश्चित है, जबकि तुम क़सम खा बैठो। तुम अपनी क़समों की हिफ़ाजत किया करो। इस प्रकार अल्लाह अपनी आयतें तुम्हारे सामने खोल-खोलकर बयान करता है, ताकि तुम कृतज्ञता दिखलाओ |
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759 | 5 | 90 | يا أيها الذين آمنوا إنما الخمر والميسر والأنصاب والأزلام رجس من عمل الشيطان فاجتنبوه لعلكم تفلحون |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! ये शराब और जुआ और देवस्थान और पाँसे तो गन्दे शैतानी काम है। अतः तुम इनसे अलग रहो, ताकि तुम सफल हो |
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760 | 5 | 91 | إنما يريد الشيطان أن يوقع بينكم العداوة والبغضاء في الخمر والميسر ويصدكم عن ذكر الله وعن الصلاة فهل أنتم منتهون |
| | | शैतान तो बस यही चाहता है कि शराब और जुए के द्वारा तुम्हारे बीच शत्रुता और द्वेष पैदा कर दे और तुम्हें अल्लाह की याद से और नमाज़ से रोक दे, तो क्या तुम बाज़ न आओगे? |
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761 | 5 | 92 | وأطيعوا الله وأطيعوا الرسول واحذروا فإن توليتم فاعلموا أنما على رسولنا البلاغ المبين |
| | | अल्लाह की आज्ञा का पालन करो और रसूल की आज्ञा का पालन करो और बचते रहो, किन्तु यदि तुमने मुँह मोड़ा तो जान लो कि हमारे रसूल पर केवल स्पष्ट रूप से (संदेश) पहुँचा देने की ज़िम्मेदारी है |
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