نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
730 | 5 | 61 | وإذا جاءوكم قالوا آمنا وقد دخلوا بالكفر وهم قد خرجوا به والله أعلم بما كانوا يكتمون |
| | | जब वे (यहूदी) तुम लोगों के पास आते है तो कहते है, "हम ईमान ले आए।" हालाँकि वे इनकार के साथ आए थे और उसी के साथ चले गए। अल्लाह भली-भाँति जानता है जो कुछ वे छिपाते है |
|
731 | 5 | 62 | وترى كثيرا منهم يسارعون في الإثم والعدوان وأكلهم السحت لبئس ما كانوا يعملون |
| | | तुम देखते हो कि उनमें से बहुतेरे लोग हक़ मारने, ज़्यादती करने और हरामख़ोरी में बड़ी तेज़ी दिखाते है। निश्चय ही बहुत ही बुरा है, जो वे कर रहे है |
|
732 | 5 | 63 | لولا ينهاهم الربانيون والأحبار عن قولهم الإثم وأكلهم السحت لبئس ما كانوا يصنعون |
| | | उनके सन्त और धर्मज्ञाता उन्हें गुनाह की बात बकने और हराम खाने से क्यों नहीं रोकते? निश्चय ही बहुत बुरा है जो काम वे कर रहे है |
|
733 | 5 | 64 | وقالت اليهود يد الله مغلولة غلت أيديهم ولعنوا بما قالوا بل يداه مبسوطتان ينفق كيف يشاء وليزيدن كثيرا منهم ما أنزل إليك من ربك طغيانا وكفرا وألقينا بينهم العداوة والبغضاء إلى يوم القيامة كلما أوقدوا نارا للحرب أطفأها الله ويسعون في الأرض فسادا والله لا يحب المفسدين |
| | | और यहूदी कहते है, "अल्लाह का हाथ बँध गया है।" उन्हीं के हाथ-बँधे है, और फिटकार है उनपर, उस बकबास के कारण जो वे करते है, बल्कि उसके दोनो हाथ तो खुले हुए है। वह जिस तरह चाहता है, ख़र्च करता है। जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर उतारा गया है, उससे अवश्य ही उनके अधिकतर लोगों की सरकशी और इनकार ही में अभिवृद्धि होगी। और हमने उनके बीच क़ियामत तक के लिए शत्रुता और द्वेष डाल दिया है। वे जब भी युद्ध की आग भड़काते है, अल्लाह उसे बुझा देता है। वे धरती में बिगाड़ फैलाने के लिए प्रयास कर रहे है, हालाँकि अल्लाह बिगाड़ फैलानेवालों को पसन्द नहीं करता |
|
734 | 5 | 65 | ولو أن أهل الكتاب آمنوا واتقوا لكفرنا عنهم سيئاتهم ولأدخلناهم جنات النعيم |
| | | और यदि किताबवाले ईमान लाते और (अल्लाह का) डर रखते तो हम उनकी बुराइयाँ उनसे दूर कर देते और उन्हें नेमत भरी जन्नतों में दाख़िल कर देते |
|
735 | 5 | 66 | ولو أنهم أقاموا التوراة والإنجيل وما أنزل إليهم من ربهم لأكلوا من فوقهم ومن تحت أرجلهم منهم أمة مقتصدة وكثير منهم ساء ما يعملون |
| | | और यदि वे तौरात और इनजील को और जो कुछ उनके रब की ओर से उनकी ओर उतारा गया है, उसे क़ायम रखते, तो उन्हें अपने ऊपर से भी खाने को मिलता और अपने पाँव के नीचे से भी। उनमें से एक गिरोह सीधे मार्ग पर चलनेवाला भी है, किन्तु उनमें से अधिकतर ऐसे है कि जो भी करते है बुरा होता है |
|
736 | 5 | 67 | يا أيها الرسول بلغ ما أنزل إليك من ربك وإن لم تفعل فما بلغت رسالته والله يعصمك من الناس إن الله لا يهدي القوم الكافرين |
| | | ऐ रसूल! तुम्हारे रब की ओर से तुम पर जो कुछ उतारा गया है, उसे पहुँचा दो। यदि ऐसा न किया तो तुमने उसका सन्देश नहीं पहुँचाया। अल्लाह तुम्हें लोगों (की बुराइयों) से बचाएगा। निश्चय ही अल्लाह इनकार करनेवाले लोगों को मार्ग नहीं दिखाता |
|
737 | 5 | 68 | قل يا أهل الكتاب لستم على شيء حتى تقيموا التوراة والإنجيل وما أنزل إليكم من ربكم وليزيدن كثيرا منهم ما أنزل إليك من ربك طغيانا وكفرا فلا تأس على القوم الكافرين |
| | | कह दो, ॅ"ऐ किताबवालो! तुम किसी भी चीज़ पर नहीं हो, जब तक कि तौरात और इनजील को और जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर अवतरित हुआ है, उसे क़ायम न रखो।" किन्तु (ऐ नबी!) तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर जो कुछ अवतरित हुआ है, वह अवश्य ही उनमें से बहुतों की सरकशी और इनकार में अभिवृद्धि करनेवाला है। अतः तुम इनकार करनेवाले लोगों की दशा पर दुखी न होना |
|
738 | 5 | 69 | إن الذين آمنوا والذين هادوا والصابئون والنصارى من آمن بالله واليوم الآخر وعمل صالحا فلا خوف عليهم ولا هم يحزنون |
| | | निस्संदेह वे लोग जो ईमान लाए है और जो यहूदी हुए है और साबई और ईसाई, उनमें से जो कोई भी अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान लाए और अच्छा कर्म करे तो ऐसे लोगों को न तो कोई डर होगा और न वे शोकाकुल होंगे |
|
739 | 5 | 70 | لقد أخذنا ميثاق بني إسرائيل وأرسلنا إليهم رسلا كلما جاءهم رسول بما لا تهوى أنفسهم فريقا كذبوا وفريقا يقتلون |
| | | हमने इसराईल की सन्तान से दृढ़ वचन लिया और उनकी ओर रसूल भेजे। उनके पास जब भी कोई रसूल वह कुछ लेकर आया जो उन्हें पसन्द न था, तो कितनों को तो उन्होंने झुठलाया और कितनों की हत्या करने लगे |
|