نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
640 | 4 | 147 | ما يفعل الله بعذابكم إن شكرتم وآمنتم وكان الله شاكرا عليما |
| | | अल्लाह को तुम्हें यातना देकर क्या करना है, यदि तुम कृतज्ञता दिखलाओ और ईमान लाओ? अल्लाह गुणग्राहक, सब कुछ जाननेवाला है |
|
641 | 4 | 148 | لا يحب الله الجهر بالسوء من القول إلا من ظلم وكان الله سميعا عليما |
| | | अल्लाह बुरी बात खुल्लम-खुल्ला कहने को पसन्द नहीं करता, मगर उसकी बात और है जिसपर ज़ुल्म किया गया हो। अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है |
|
642 | 4 | 149 | إن تبدوا خيرا أو تخفوه أو تعفوا عن سوء فإن الله كان عفوا قديرا |
| | | यदि तुम खुले रूप में नेकी और भलाई करो या उसे छिपाओ या किसी बुराई को क्षमा कर दो, तो अल्लाह भी क्षमा करनेवाला, सामर्थ्यवान है |
|
643 | 4 | 150 | إن الذين يكفرون بالله ورسله ويريدون أن يفرقوا بين الله ورسله ويقولون نؤمن ببعض ونكفر ببعض ويريدون أن يتخذوا بين ذلك سبيلا |
| | | जो लोग अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार करते है और चाहते है कि अल्लाह और उसके रसूलों के बीच विच्छेद करें, और कहते है कि "हम कुछ को मानते है और कुछ को नहीं मानते" और इस तरह वे चाहते है कि बीच की कोई राह अपनाएँ; |
|
644 | 4 | 151 | أولئك هم الكافرون حقا وأعتدنا للكافرين عذابا مهينا |
| | | वही लोग पक्के इनकार करनेवाले है और हमने इनकार करनेवालों के लिए अपमानजनक यातना तैयार कर रखी है |
|
645 | 4 | 152 | والذين آمنوا بالله ورسله ولم يفرقوا بين أحد منهم أولئك سوف يؤتيهم أجورهم وكان الله غفورا رحيما |
| | | रहे वे लोग जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान रखते है और उनमें से किसी को उस सम्बन्ध में पृथक नहीं करते जो उनके बीच पाया जाता है, ऐसे लोगों को अल्लाह शीघ्र ही उनके प्रतिदान प्रदान करेगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है |
|
646 | 4 | 153 | يسألك أهل الكتاب أن تنزل عليهم كتابا من السماء فقد سألوا موسى أكبر من ذلك فقالوا أرنا الله جهرة فأخذتهم الصاعقة بظلمهم ثم اتخذوا العجل من بعد ما جاءتهم البينات فعفونا عن ذلك وآتينا موسى سلطانا مبينا |
| | | किताबवालों की तुमसे माँग है कि तुम उनपर आकाश से कोई किताब उतार लाओ, तो वे तो मूसा से इससे भी बड़ी माँग कर चुके है। उन्होंने कहा था, "हमें अल्लाह को प्रत्यक्ष दिखा दो," तो उनके इस अपराध पर बिजली की कड़क ने उन्हें आ दबोचा। फिर वे बछड़े को अपना उपास्य बना बैठे, हालाँकि उनके पास खुली-खुली निशानियाँ आ चुकी थी। फिर हमने उसे भी क्षमा कर दिया और मूसा का स्पष्टा बल एवं प्रभाव प्रदान किया |
|
647 | 4 | 154 | ورفعنا فوقهم الطور بميثاقهم وقلنا لهم ادخلوا الباب سجدا وقلنا لهم لا تعدوا في السبت وأخذنا منهم ميثاقا غليظا |
| | | और उन लोगों से वचन लेने के साथ (तूर) पहाड़ को उनपर उठा दिया और उनसे कहा, "दरवाज़े में सजदा करते हुए प्रवेश करो।" और उनसे कहा, "सब्त (सामूहिक इबादत का दिन) के विषय में ज़्यादती न करना।" और हमने उनसे बहुत-ही दृढ़ वचन लिया था |
|
648 | 4 | 155 | فبما نقضهم ميثاقهم وكفرهم بآيات الله وقتلهم الأنبياء بغير حق وقولهم قلوبنا غلف بل طبع الله عليها بكفرهم فلا يؤمنون إلا قليلا |
| | | फिर उनके अपने वचन भंग करने और अल्लाह की आयतों का इनकार करने के कारण और नबियों को नाहक़ क़त्ल करने और उनके यह कहने के कारण कि "हमारे हृदय आवरणों में सुरक्षित है" - नहीं, बल्कि वास्तव में उनके इनकार के कारण अल्लाह ने उनके दिलों पर ठप्पा लगा दिया है। तो ये ईमान थोड़े ही लाते है |
|
649 | 4 | 156 | وبكفرهم وقولهم على مريم بهتانا عظيما |
| | | और उनके इनकार के कारण और मरयम के ख़िलाफ ऐसी बात करने पर जो एक बड़ा लांछन था - |
|