بسم الله الرحمن الرحيم

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6404147ما يفعل الله بعذابكم إن شكرتم وآمنتم وكان الله شاكرا عليما
अल्लाह को तुम्हें यातना देकर क्या करना है, यदि तुम कृतज्ञता दिखलाओ और ईमान लाओ? अल्लाह गुणग्राहक, सब कुछ जाननेवाला है
6414148لا يحب الله الجهر بالسوء من القول إلا من ظلم وكان الله سميعا عليما
अल्लाह बुरी बात खुल्लम-खुल्ला कहने को पसन्द नहीं करता, मगर उसकी बात और है जिसपर ज़ुल्म किया गया हो। अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है
6424149إن تبدوا خيرا أو تخفوه أو تعفوا عن سوء فإن الله كان عفوا قديرا
यदि तुम खुले रूप में नेकी और भलाई करो या उसे छिपाओ या किसी बुराई को क्षमा कर दो, तो अल्लाह भी क्षमा करनेवाला, सामर्थ्यवान है
6434150إن الذين يكفرون بالله ورسله ويريدون أن يفرقوا بين الله ورسله ويقولون نؤمن ببعض ونكفر ببعض ويريدون أن يتخذوا بين ذلك سبيلا
जो लोग अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार करते है और चाहते है कि अल्लाह और उसके रसूलों के बीच विच्छेद करें, और कहते है कि "हम कुछ को मानते है और कुछ को नहीं मानते" और इस तरह वे चाहते है कि बीच की कोई राह अपनाएँ;
6444151أولئك هم الكافرون حقا وأعتدنا للكافرين عذابا مهينا
वही लोग पक्के इनकार करनेवाले है और हमने इनकार करनेवालों के लिए अपमानजनक यातना तैयार कर रखी है
6454152والذين آمنوا بالله ورسله ولم يفرقوا بين أحد منهم أولئك سوف يؤتيهم أجورهم وكان الله غفورا رحيما
रहे वे लोग जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान रखते है और उनमें से किसी को उस सम्बन्ध में पृथक नहीं करते जो उनके बीच पाया जाता है, ऐसे लोगों को अल्लाह शीघ्र ही उनके प्रतिदान प्रदान करेगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है
6464153يسألك أهل الكتاب أن تنزل عليهم كتابا من السماء فقد سألوا موسى أكبر من ذلك فقالوا أرنا الله جهرة فأخذتهم الصاعقة بظلمهم ثم اتخذوا العجل من بعد ما جاءتهم البينات فعفونا عن ذلك وآتينا موسى سلطانا مبينا
किताबवालों की तुमसे माँग है कि तुम उनपर आकाश से कोई किताब उतार लाओ, तो वे तो मूसा से इससे भी बड़ी माँग कर चुके है। उन्होंने कहा था, "हमें अल्लाह को प्रत्यक्ष दिखा दो," तो उनके इस अपराध पर बिजली की कड़क ने उन्हें आ दबोचा। फिर वे बछड़े को अपना उपास्य बना बैठे, हालाँकि उनके पास खुली-खुली निशानियाँ आ चुकी थी। फिर हमने उसे भी क्षमा कर दिया और मूसा का स्पष्टा बल एवं प्रभाव प्रदान किया
6474154ورفعنا فوقهم الطور بميثاقهم وقلنا لهم ادخلوا الباب سجدا وقلنا لهم لا تعدوا في السبت وأخذنا منهم ميثاقا غليظا
और उन लोगों से वचन लेने के साथ (तूर) पहाड़ को उनपर उठा दिया और उनसे कहा, "दरवाज़े में सजदा करते हुए प्रवेश करो।" और उनसे कहा, "सब्त (सामूहिक इबादत का दिन) के विषय में ज़्यादती न करना।" और हमने उनसे बहुत-ही दृढ़ वचन लिया था
6484155فبما نقضهم ميثاقهم وكفرهم بآيات الله وقتلهم الأنبياء بغير حق وقولهم قلوبنا غلف بل طبع الله عليها بكفرهم فلا يؤمنون إلا قليلا
फिर उनके अपने वचन भंग करने और अल्लाह की आयतों का इनकार करने के कारण और नबियों को नाहक़ क़त्ल करने और उनके यह कहने के कारण कि "हमारे हृदय आवरणों में सुरक्षित है" - नहीं, बल्कि वास्तव में उनके इनकार के कारण अल्लाह ने उनके दिलों पर ठप्पा लगा दिया है। तो ये ईमान थोड़े ही लाते है
6494156وبكفرهم وقولهم على مريم بهتانا عظيما
और उनके इनकार के कारण और मरयम के ख़िलाफ ऐसी बात करने पर जो एक बड़ा लांछन था -


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