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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6102 | 95 | 4 | لقد خلقنا الإنسان في أحسن تقويم |
| | | निस्संदेह हमने मनुष्य को सर्वोत्तम संरचना के साथ पैदा किया |
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6103 | 95 | 5 | ثم رددناه أسفل سافلين |
| | | फिर हमने उसे निकृष्टतम दशा की ओर लौटा दिया, जबकि वह स्वयं गिरनेवाला बना |
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6104 | 95 | 6 | إلا الذين آمنوا وعملوا الصالحات فلهم أجر غير ممنون |
| | | सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और जिन्होंने अच्छे कर्म किए, तो उनके लिए कभी न समाप्त होनेवाला बदला है |
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6105 | 95 | 7 | فما يكذبك بعد بالدين |
| | | अब इसके बाद क्या है, जो बदले के विषय में तुम्हें झुठलाए? |
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6106 | 95 | 8 | أليس الله بأحكم الحاكمين |
| | | क्या अल्लाह सब हाकिमों से बड़ा हाकिम नहीं हैं? |
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6107 | 96 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم اقرأ باسم ربك الذي خلق |
| | | पढ़ो, अपने रब के नाम के साथ जिसने पैदा किया, |
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6108 | 96 | 2 | خلق الإنسان من علق |
| | | पैदा किया मनुष्य को जमे हुए ख़ून के एक लोथड़े से |
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6109 | 96 | 3 | اقرأ وربك الأكرم |
| | | पढ़ो, हाल यह है कि तुम्हारा रब बड़ा ही उदार है, |
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6110 | 96 | 4 | الذي علم بالقلم |
| | | जिसने क़लम के द्वारा शिक्षा दी, |
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6111 | 96 | 5 | علم الإنسان ما لم يعلم |
| | | मनुष्य को वह ज्ञान प्रदान किया जिस वह न जानता था |
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