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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6093 | 94 | 3 | الذي أنقض ظهرك |
| | | जिसने तुम्हारी कमर तोड़ रखी थी |
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6094 | 94 | 4 | ورفعنا لك ذكرك |
| | | और तुम्हारा ज़िक्र भी बुलन्द कर दिया |
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6095 | 94 | 5 | فإن مع العسر يسرا |
| | | तो (हाँ) पस बेशक दुशवारी के साथ ही आसानी है |
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6096 | 94 | 6 | إن مع العسر يسرا |
| | | यक़ीनन दुश्वारी के साथ आसानी है |
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6097 | 94 | 7 | فإذا فرغت فانصب |
| | | तो जब तुम फारिग़ हो जाओ तो मुक़र्रर कर दो |
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6098 | 94 | 8 | وإلى ربك فارغب |
| | | और फिर अपने परवरदिगार की तरफ रग़बत करो |
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6099 | 95 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والتين والزيتون |
| | | इन्जीर और ज़ैतून की क़सम |
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6100 | 95 | 2 | وطور سينين |
| | | और तूर सीनीन की |
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6101 | 95 | 3 | وهذا البلد الأمين |
| | | और उस अमन वाले शहर (मक्का) की |
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6102 | 95 | 4 | لقد خلقنا الإنسان في أحسن تقويم |
| | | कि हमने इन्सान बहुत अच्छे कैड़े का पैदा किया |
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