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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6084 | 93 | 5 | ولسوف يعطيك ربك فترضى |
| | | और तुम्हारा परवरदिगार अनक़रीब इस क़दर अता करेगा कि तुम ख़ुश हो जाओ |
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6085 | 93 | 6 | ألم يجدك يتيما فآوى |
| | | क्या उसने तुम्हें यतीम पाकर (अबू तालिब की) पनाह न दी (ज़रूर दी) |
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6086 | 93 | 7 | ووجدك ضالا فهدى |
| | | और तुमको एहकाम से नावाकिफ़ देखा तो मंज़िले मक़सूद तक पहुँचा दिया |
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6087 | 93 | 8 | ووجدك عائلا فأغنى |
| | | और तुमको तंगदस्त देखकर ग़नी कर दिया |
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6088 | 93 | 9 | فأما اليتيم فلا تقهر |
| | | तो तुम भी यतीम पर सितम न करना |
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6089 | 93 | 10 | وأما السائل فلا تنهر |
| | | माँगने वाले को झिड़की न देना |
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6090 | 93 | 11 | وأما بنعمة ربك فحدث |
| | | और अपने परवरदिगार की नेअमतों का ज़िक्र करते रहना |
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6091 | 94 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم ألم نشرح لك صدرك |
| | | (ऐ रसूल) क्या हमने तुम्हारा सीना इल्म से कुशादा नहीं कर दिया (जरूर किया) |
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6092 | 94 | 2 | ووضعنا عنك وزرك |
| | | और तुम पर से वह बोझ उतार दिया |
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6093 | 94 | 3 | الذي أنقض ظهرك |
| | | जिसने तुम्हारी कमर तोड़ रखी थी |
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