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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6080 | 93 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والضحى |
| | | (ऐ रसूल) पहर दिन चढ़े की क़सम |
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6081 | 93 | 2 | والليل إذا سجى |
| | | और रात की जब (चीज़ों को) छुपा ले |
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6082 | 93 | 3 | ما ودعك ربك وما قلى |
| | | कि तुम्हारा परवरदिगार न तुमको छोड़ बैठा और (न तुमसे) नाराज़ हुआ |
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6083 | 93 | 4 | وللآخرة خير لك من الأولى |
| | | और तुम्हारे वास्ते आख़ेरत दुनिया से यक़ीनी कहीं बेहतर है |
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6084 | 93 | 5 | ولسوف يعطيك ربك فترضى |
| | | और तुम्हारा परवरदिगार अनक़रीब इस क़दर अता करेगा कि तुम ख़ुश हो जाओ |
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6085 | 93 | 6 | ألم يجدك يتيما فآوى |
| | | क्या उसने तुम्हें यतीम पाकर (अबू तालिब की) पनाह न दी (ज़रूर दी) |
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6086 | 93 | 7 | ووجدك ضالا فهدى |
| | | और तुमको एहकाम से नावाकिफ़ देखा तो मंज़िले मक़सूद तक पहुँचा दिया |
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6087 | 93 | 8 | ووجدك عائلا فأغنى |
| | | और तुमको तंगदस्त देखकर ग़नी कर दिया |
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6088 | 93 | 9 | فأما اليتيم فلا تقهر |
| | | तो तुम भी यतीम पर सितम न करना |
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6089 | 93 | 10 | وأما السائل فلا تنهر |
| | | माँगने वाले को झिड़की न देना |
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