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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6076 | 92 | 18 | الذي يؤتي ماله يتزكى |
| | | जो अपना माल देकर अपने आपको निखारता है |
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6077 | 92 | 19 | وما لأحد عنده من نعمة تجزى |
| | | और हाल यह है कि किसी का उसपर उपकार नहीं कि उसका बदला दिया जा रहा हो, |
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6078 | 92 | 20 | إلا ابتغاء وجه ربه الأعلى |
| | | बल्कि इससे अभीष्ट केवल उसके अपने उच्च रब के मुख (प्रसन्नता) की चाह है |
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6079 | 92 | 21 | ولسوف يرضى |
| | | और वह शीघ्र ही राज़ी हो जाएगा |
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6080 | 93 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والضحى |
| | | साक्षी है चढ़ता दिन, |
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6081 | 93 | 2 | والليل إذا سجى |
| | | और रात जबकि उसका सन्नाटा छा जाए |
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6082 | 93 | 3 | ما ودعك ربك وما قلى |
| | | तुम्हारे रब ने तुम्हें न तो विदा किया और न वह बेज़ार (अप्रसन्न) हुआ |
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6083 | 93 | 4 | وللآخرة خير لك من الأولى |
| | | और निश्चय ही बाद में आनेवाली (अवधि) तुम्हारे लिए पहलेवाली से उत्तम है |
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6084 | 93 | 5 | ولسوف يعطيك ربك فترضى |
| | | और शीघ्र ही तुम्हारा रब तुम्हें प्रदान करेगा कि तुम प्रसन्न हो जाओगे |
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6085 | 93 | 6 | ألم يجدك يتيما فآوى |
| | | क्या ऐसा नहीं कि उसने तुम्हें अनाथ पाया तो ठिकाना दिया? |
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