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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6049 | 91 | 6 | والأرض وما طحاها |
| | | और ज़मीन की जिसने उसे बिछाया |
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6050 | 91 | 7 | ونفس وما سواها |
| | | और जान की और जिसने उसे दुरूस्त किया |
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6051 | 91 | 8 | فألهمها فجورها وتقواها |
| | | फिर उसकी बदकारी और परहेज़गारी को उसे समझा दिया |
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6052 | 91 | 9 | قد أفلح من زكاها |
| | | (क़सम है) जिसने उस (जान) को (गनाह से) पाक रखा वह तो कामयाब हुआ |
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6053 | 91 | 10 | وقد خاب من دساها |
| | | और जिसने उसे (गुनाह करके) दबा दिया वह नामुराद रहा |
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6054 | 91 | 11 | كذبت ثمود بطغواها |
| | | क़ौम मसूद ने अपनी सरकशी से (सालेह पैग़म्बर को) झुठलाया, |
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6055 | 91 | 12 | إذ انبعث أشقاها |
| | | जब उनमें का एक बड़ा बदबख्त उठ खड़ा हुआ |
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6056 | 91 | 13 | فقال لهم رسول الله ناقة الله وسقياها |
| | | तो ख़ुदा के रसूल (सालेह) ने उनसे कहा कि ख़ुदा की ऊँटनी और उसके पानी पीने से तअर्रुज़ न करना |
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6057 | 91 | 14 | فكذبوه فعقروها فدمدم عليهم ربهم بذنبهم فسواها |
| | | मगर उन लोगों पैग़म्बर को झुठलाया और उसकी कूँचे काट डाली तो ख़ुदा ने उनके गुनाहों सबब से उन पर अज़ाब नाज़िल किया फिर (हलाक करके) बराबर कर दिया |
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6058 | 91 | 15 | ولا يخاف عقباها |
| | | और उसको उनके बदले का कोई ख़ौफ तो है नहीं |
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