نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
603 | 4 | 110 | ومن يعمل سوءا أو يظلم نفسه ثم يستغفر الله يجد الله غفورا رحيما |
| | | और जो कोई बुरा कर्म कर बैठे या अपने-आप पर अत्याचार करे, फिर अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना करे, तो अल्लाह को बड़ा क्षमाशील, दयावान पाएगा |
|
604 | 4 | 111 | ومن يكسب إثما فإنما يكسبه على نفسه وكان الله عليما حكيما |
| | | और जो व्यक्ति गुनाह कमाए, तो वह अपने ही लिए कमाता है। अल्लाह तो सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है |
|
605 | 4 | 112 | ومن يكسب خطيئة أو إثما ثم يرم به بريئا فقد احتمل بهتانا وإثما مبينا |
| | | और जो व्यक्ति कोई ग़लती या गुनाह की कमाई करे, फिर उसे किसी निर्दोष पर थोप दे, तो उसने एक बड़े लांछन और खुले गुनाह का बोझ अपने ऊपर ले लिया |
|
606 | 4 | 113 | ولولا فضل الله عليك ورحمته لهمت طائفة منهم أن يضلوك وما يضلون إلا أنفسهم وما يضرونك من شيء وأنزل الله عليك الكتاب والحكمة وعلمك ما لم تكن تعلم وكان فضل الله عليك عظيما |
| | | यदि तुमपर अल्लाह का उदार अनुग्रह और उसकी दयालुता न होती तो उनमें से कुछ लोग तो यह निश्चय कर ही चुके थे कि तुम्हें राह से भटका दें, हालाँकि वे अपने आप ही को पथभ्रष्टि कर रहे है, और तुम्हें वे कोई हानि नहीं पहुँचा सकते। अल्लाह ने तुमपर किताब और हिकमत (तत्वदर्शिता) उतारी है और उसने तुम्हें वह कुछ सिखाया है जो तुम जानते न थे। अल्लाह का तुमपर बहुत बड़ा अनुग्रह है |
|
607 | 4 | 114 | لا خير في كثير من نجواهم إلا من أمر بصدقة أو معروف أو إصلاح بين الناس ومن يفعل ذلك ابتغاء مرضات الله فسوف نؤتيه أجرا عظيما |
| | | उनकी अधिकतर काना-फूसियों में कोई भलाई नहीं होती। हाँ, जो व्यक्ति सदक़ा देने या भलाई करने या लोगों के बीच सुधार के लिए कुछ कहे, तो उसकी बात और है। और जो कोई यह काम अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए करेगा, उसे हम निश्चय ही बड़ा प्रतिदान प्रदान करेंगे |
|
608 | 4 | 115 | ومن يشاقق الرسول من بعد ما تبين له الهدى ويتبع غير سبيل المؤمنين نوله ما تولى ونصله جهنم وساءت مصيرا |
| | | और जो क्यक्ति, इसके पश्चात भी मार्गदर्शन खुलकर उसके सामने आ गया है, रसूल का विरोध करेगा और ईमानवालों के मार्ग के अतिरिक्त किसी और मार्ग पर चलेगा तो उसे हम उसी पर चलने देंगे, जिसको उसने अपनाया होगा और उसे जहन्नम में झोंक देंगे, और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है |
|
609 | 4 | 116 | إن الله لا يغفر أن يشرك به ويغفر ما دون ذلك لمن يشاء ومن يشرك بالله فقد ضل ضلالا بعيدا |
| | | निस्संदेह अल्लाह इस चीज़ को क्षमा नहीं करेगा कि उसके साथ किसी को शामिल किया जाए। हाँ, इससे नीचे दर्जे के अपराध को, जिसके लिए चाहेगा, क्षमा कर देगा। जो अल्लाह के साथ किसी को साझी ठहराता है, तो वह भटककर बहुत दूर जा पड़ा |
|
610 | 4 | 117 | إن يدعون من دونه إلا إناثا وإن يدعون إلا شيطانا مريدا |
| | | वे अल्लाह से हटकर बस कुछ देवियों को पुकारते है। और वे तो बस सरकश शैतान को पुकारते है; |
|
611 | 4 | 118 | لعنه الله وقال لأتخذن من عبادك نصيبا مفروضا |
| | | जिसपर अल्लाह की फिटकार है। उसने कहा था, "मैं तेरे बन्दों में से एख निश्चित हिस्सा लेकर रहूँगा |
|
612 | 4 | 119 | ولأضلنهم ولأمنينهم ولآمرنهم فليبتكن آذان الأنعام ولآمرنهم فليغيرن خلق الله ومن يتخذ الشيطان وليا من دون الله فقد خسر خسرانا مبينا |
| | | "और उन्हें अवश्य ही भटकाऊँगा और उन्हें कामनाओं में उलझाऊँगा, और उन्हें हुक्म दूँगा तो वे चौपायों के कान फाड़ेगे, और उन्हें मैं सुझाव दूँगा तो वे अल्लाह की संरचना में परिवर्तन करेंगे।" और जिसने अल्लाह से हटकर शैतान को अपना संरक्षक और मित्र बनाया, वह खुले घाटे में पड़ गया |
|