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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6020 | 89 | 27 | يا أيتها النفس المطمئنة |
| | | "ऐ संतुष्ट आत्मा! |
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6021 | 89 | 28 | ارجعي إلى ربك راضية مرضية |
| | | लौट अपने रब की ओर, इस तरह कि तू उससे राज़ी है वह तुझसे राज़ी है। अतः मेरे बन्दों में सम्मिलित हो जा। - |
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6022 | 89 | 29 | فادخلي في عبادي |
| | | अतः मेरे बन्दों में सम्मिलित हो जा |
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6023 | 89 | 30 | وادخلي جنتي |
| | | और प्रवेश कर मेरी जन्नत में।" |
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6024 | 90 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم لا أقسم بهذا البلد |
| | | सुनो! मैं क़सम खाता हूँ इस नगर (मक्का) की - |
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6025 | 90 | 2 | وأنت حل بهذا البلد |
| | | हाल यह है कि तुम इसी नगर में रह रहे हो - |
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6026 | 90 | 3 | ووالد وما ولد |
| | | और बाप और उसकी सन्तान की, |
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6027 | 90 | 4 | لقد خلقنا الإنسان في كبد |
| | | निस्संदेह हमने मनुष्य को पूर्ण मशक़्क़त (अनुकूलता और सन्तुलन) के साथ पैदा किया |
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6028 | 90 | 5 | أيحسب أن لن يقدر عليه أحد |
| | | क्या वह समझता है कि उसपर किसी का बस न चलेगा? |
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6029 | 90 | 6 | يقول أهلكت مالا لبدا |
| | | कहता है कि "मैंने ढेरो माल उड़ा दिया।" |
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