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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6010 | 89 | 17 | كلا بل لا تكرمون اليتيم |
| | | हरगिज़ नहीं बल्कि तुम लोग न यतीम की ख़ातिरदारी करते हो |
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6011 | 89 | 18 | ولا تحاضون على طعام المسكين |
| | | और न मोहताज को खाना खिलाने की तरग़ीब देते हो |
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6012 | 89 | 19 | وتأكلون التراث أكلا لما |
| | | और मीरारा के माल (हलाल व हराम) को समेट कर चख जाते हो |
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6013 | 89 | 20 | وتحبون المال حبا جما |
| | | और माल को बहुत ही अज़ीज़ रखते हो |
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6014 | 89 | 21 | كلا إذا دكت الأرض دكا دكا |
| | | सुन रखो कि जब ज़मीन कूट कूट कर रेज़ा रेज़ा कर दी जाएगी |
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6015 | 89 | 22 | وجاء ربك والملك صفا صفا |
| | | और तुम्हारे परवरदिगार का हुक्म और फ़रिश्ते कतार के कतार आ जाएँगे |
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6016 | 89 | 23 | وجيء يومئذ بجهنم يومئذ يتذكر الإنسان وأنى له الذكرى |
| | | और उस दिन जहन्नुम सामने कर दी जाएगी उस दिन इन्सान चौंकेगा मगर अब चौंकना कहाँ (फ़ायदा देगा) |
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6017 | 89 | 24 | يقول يا ليتني قدمت لحياتي |
| | | (उस वक्त) क़हेगा कि काश मैने अपनी (इस) ज़िन्दगी के वास्ते कुछ पहले भेजा होता |
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6018 | 89 | 25 | فيومئذ لا يعذب عذابه أحد |
| | | तो उस दिन ख़ुदा ऐसा अज़ाब करेगा कि किसी ने वैसा अज़ाब न किया होगा |
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6019 | 89 | 26 | ولا يوثق وثاقه أحد |
| | | और न कोई उसके जकड़ने की तरह जकड़ेगा |
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