بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
60088915فأما الإنسان إذا ما ابتلاه ربه فأكرمه ونعمه فيقول ربي أكرمن
किन्तु मनुष्य का हाल यह है कि जब उसका रब इस प्रकार उसकी परीक्षा करता है कि उसे प्रतिष्ठा और नेमत प्रदान करता है, तो वह कहता है, "मेरे रब ने मुझे प्रतिष्ठित किया।"
60098916وأما إذا ما ابتلاه فقدر عليه رزقه فيقول ربي أهانن
किन्तु जब कभी वह उसकी परीक्षा इस प्रकार करता है कि उसकी रोज़ी नपी-तुली कर देता है, तो वह कहता है, "मेरे रब ने मेरा अपमान किया।"
60108917كلا بل لا تكرمون اليتيم
कदापि नहीं, बल्कि तुम अनाथ का सम्मान नहीं करते,
60118918ولا تحاضون على طعام المسكين
और न मुहताज को खिलान पर एक-दूसरे को उभारते हो,
60128919وتأكلون التراث أكلا لما
और सारी मीरास समेटकर खा जाते हो,
60138920وتحبون المال حبا جما
और धन से उत्कट प्रेम रखते हो
60148921كلا إذا دكت الأرض دكا دكا
कुछ नहीं, जब धरती कूट-कूटकर चुर्ण-विचुर्ण कर दी जाएगी,
60158922وجاء ربك والملك صفا صفا
और तुम्हारा रब और फ़रिश्ता (बन्दों की) एक-एक पंक्ति के पास आएगा,
60168923وجيء يومئذ بجهنم يومئذ يتذكر الإنسان وأنى له الذكرى
और जहन्नम को उस दिन लाया जाएगा, उस दिन मनुष्य चेतेगा, किन्तु कहाँ है उसके लिए लाभप्रद उस समय का चेतना?
60178924يقول يا ليتني قدمت لحياتي
वह कहेगा, "ऐ काश! मैंने अपने जीवन के लिए कुछ करके आगे भेजा होता।"


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