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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6008 | 89 | 15 | فأما الإنسان إذا ما ابتلاه ربه فأكرمه ونعمه فيقول ربي أكرمن |
| | | किन्तु मनुष्य का हाल यह है कि जब उसका रब इस प्रकार उसकी परीक्षा करता है कि उसे प्रतिष्ठा और नेमत प्रदान करता है, तो वह कहता है, "मेरे रब ने मुझे प्रतिष्ठित किया।" |
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6009 | 89 | 16 | وأما إذا ما ابتلاه فقدر عليه رزقه فيقول ربي أهانن |
| | | किन्तु जब कभी वह उसकी परीक्षा इस प्रकार करता है कि उसकी रोज़ी नपी-तुली कर देता है, तो वह कहता है, "मेरे रब ने मेरा अपमान किया।" |
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6010 | 89 | 17 | كلا بل لا تكرمون اليتيم |
| | | कदापि नहीं, बल्कि तुम अनाथ का सम्मान नहीं करते, |
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6011 | 89 | 18 | ولا تحاضون على طعام المسكين |
| | | और न मुहताज को खिलान पर एक-दूसरे को उभारते हो, |
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6012 | 89 | 19 | وتأكلون التراث أكلا لما |
| | | और सारी मीरास समेटकर खा जाते हो, |
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6013 | 89 | 20 | وتحبون المال حبا جما |
| | | और धन से उत्कट प्रेम रखते हो |
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6014 | 89 | 21 | كلا إذا دكت الأرض دكا دكا |
| | | कुछ नहीं, जब धरती कूट-कूटकर चुर्ण-विचुर्ण कर दी जाएगी, |
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6015 | 89 | 22 | وجاء ربك والملك صفا صفا |
| | | और तुम्हारा रब और फ़रिश्ता (बन्दों की) एक-एक पंक्ति के पास आएगा, |
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6016 | 89 | 23 | وجيء يومئذ بجهنم يومئذ يتذكر الإنسان وأنى له الذكرى |
| | | और जहन्नम को उस दिन लाया जाएगा, उस दिन मनुष्य चेतेगा, किन्तु कहाँ है उसके लिए लाभप्रद उस समय का चेतना? |
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6017 | 89 | 24 | يقول يا ليتني قدمت لحياتي |
| | | वह कहेगा, "ऐ काश! मैंने अपने जीवन के लिए कुछ करके आगे भेजा होता।" |
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