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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5994 | 89 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والفجر |
| | | सुबह की क़सम |
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5995 | 89 | 2 | وليال عشر |
| | | और दस रातों की |
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5996 | 89 | 3 | والشفع والوتر |
| | | और ज़ुफ्त व ताक़ की |
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5997 | 89 | 4 | والليل إذا يسر |
| | | और रात की जब आने लगे |
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5998 | 89 | 5 | هل في ذلك قسم لذي حجر |
| | | अक्लमन्द के वास्ते तो ज़रूर बड़ी क़सम है (कि कुफ्फ़ार पर ज़रूर अज़ाब होगा) |
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5999 | 89 | 6 | ألم تر كيف فعل ربك بعاد |
| | | क्या तुमने देखा नहीं कि तुम्हारे आद के साथ क्या किया |
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6000 | 89 | 7 | إرم ذات العماد |
| | | यानि इरम वाले दराज़ क़द |
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6001 | 89 | 8 | التي لم يخلق مثلها في البلاد |
| | | जिनका मिसल तमाम (दुनिया के) शहरों में कोई पैदा ही नहीं किया गया |
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6002 | 89 | 9 | وثمود الذين جابوا الصخر بالواد |
| | | और समूद के साथ (क्या किया) जो वादी (क़रा) में पत्थर तराश कर घर बनाते थे |
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6003 | 89 | 10 | وفرعون ذي الأوتاد |
| | | और फिरऔन के साथ (क्या किया) जो (सज़ा के लिए) मेख़े रखता था |
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