نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5993 | 88 | 26 | ثم إن علينا حسابهم |
| | | फिर हमारे ही ज़िम्मे है उनका हिसाब लेना |
|
5994 | 89 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والفجر |
| | | साक्षी है उषाकाल, |
|
5995 | 89 | 2 | وليال عشر |
| | | साक्षी है दस रातें, |
|
5996 | 89 | 3 | والشفع والوتر |
| | | साक्षी है युग्म और अयुग्म, |
|
5997 | 89 | 4 | والليل إذا يسر |
| | | साक्षी है रात जब वह विदा हो रही हो |
|
5998 | 89 | 5 | هل في ذلك قسم لذي حجر |
| | | क्या इसमें बुद्धिमान के लिए बड़ी गवाही है? |
|
5999 | 89 | 6 | ألم تر كيف فعل ربك بعاد |
| | | क्या तुमने देखा नहीं कि तुम्हारे रब ने क्या किया आद के साथ, |
|
6000 | 89 | 7 | إرم ذات العماد |
| | | स्तम्भों वाले 'इरम' के साथ? |
|
6001 | 89 | 8 | التي لم يخلق مثلها في البلاد |
| | | वे ऐसे थे जिनके सदृश बस्तियों में पैदा नहीं हुए |
|
6002 | 89 | 9 | وثمود الذين جابوا الصخر بالواد |
| | | और समूद के साथ, जिन्होंने घाटी में चट्टाने तराशी थी, |
|