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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5948 | 86 | 17 | فمهل الكافرين أمهلهم رويدا |
| | | अत मुहलत दे दो उन इनकार करनेवालों को; मुहलत दे दो उन्हें थोड़ी-सी |
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5949 | 87 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم سبح اسم ربك الأعلى |
| | | तसबीह करो, अपने सर्वाच्च रब के नाम की, |
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5950 | 87 | 2 | الذي خلق فسوى |
| | | जिसने पैदा किया, फिर ठीक-ठाक किया, |
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5951 | 87 | 3 | والذي قدر فهدى |
| | | जिसने निर्धारित किया, फिर मार्ग दिखाया, |
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5952 | 87 | 4 | والذي أخرج المرعى |
| | | जिसने वनस्पति उगाई, |
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5953 | 87 | 5 | فجعله غثاء أحوى |
| | | फिर उसे ख़ूब घना और हरा-भरा कर दिया |
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5954 | 87 | 6 | سنقرئك فلا تنسى |
| | | हम तुम्हें पढ़ा देंगे, फिर तुम भूलोगे नहीं |
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5955 | 87 | 7 | إلا ما شاء الله إنه يعلم الجهر وما يخفى |
| | | बात यह है कि अल्लाह की इच्छा ही क्रियान्वित है। निश्चय ही वह जानता है खुले को भी और उसे भी जो छिपा रहे |
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5956 | 87 | 8 | ونيسرك لليسرى |
| | | हम तुम्हें सहज ढंग से उस चीज़ की पात्र बना देंगे जो सहज एवं मृदुल (आरामदायक) है |
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5957 | 87 | 9 | فذكر إن نفعت الذكرى |
| | | अतः नसीहत करो, यदि नसीहत लाभप्रद हो! |
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