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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5935 | 86 | 4 | إن كل نفس لما عليها حافظ |
| | | (इस बात की क़सम) कि कोई शख़्श ऐसा नहीं जिस पर निगेहबान मुक़र्रर नहीं |
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5936 | 86 | 5 | فلينظر الإنسان مم خلق |
| | | तो इन्सान को देखना चाहिए कि वह किस चीज़ से पैदा हुआ हैं |
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5937 | 86 | 6 | خلق من ماء دافق |
| | | वह उछलते हुए पानी (मनी) से पैदा हुआ है |
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5938 | 86 | 7 | يخرج من بين الصلب والترائب |
| | | जो पीठ और सीने की हड्डियों के बीच में से निकलता है |
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5939 | 86 | 8 | إنه على رجعه لقادر |
| | | बेशक ख़ुदा उसके दोबारा (पैदा) करने पर ज़रूर कुदरत रखता है |
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5940 | 86 | 9 | يوم تبلى السرائر |
| | | जिस दिन दिलों के भेद जाँचे जाएँगे |
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5941 | 86 | 10 | فما له من قوة ولا ناصر |
| | | तो (उस दिन) उसका न कुछ ज़ोर चलेगा और न कोई मददगार होगा |
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5942 | 86 | 11 | والسماء ذات الرجع |
| | | चक्कर (खाने) वाले आसमान की क़सम |
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5943 | 86 | 12 | والأرض ذات الصدع |
| | | और फटने वाली (ज़मीन की क़सम) |
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5944 | 86 | 13 | إنه لقول فصل |
| | | बेशक ये क़ुरान क़ौले फ़ैसल है |
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