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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5928 | 85 | 19 | بل الذين كفروا في تكذيب |
| | | मगर कुफ्फ़ार तो झुठलाने ही (की फ़िक्र) में हैं |
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5929 | 85 | 20 | والله من ورائهم محيط |
| | | और ख़ुदा उनको पीछे से घेरे हुए है (ये झुठलाने के क़ाबिल नहीं) |
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5930 | 85 | 21 | بل هو قرآن مجيد |
| | | बल्कि ये तो क़ुरान मजीद है |
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5931 | 85 | 22 | في لوح محفوظ |
| | | जो लौहे महफूज़ में लिखा हुआ है |
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5932 | 86 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والسماء والطارق |
| | | आसमान और रात को आने वाले की क़सम |
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5933 | 86 | 2 | وما أدراك ما الطارق |
| | | और तुमको क्या मालूम रात को आने वाला क्या है |
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5934 | 86 | 3 | النجم الثاقب |
| | | (वह) चमकता हुआ तारा है |
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5935 | 86 | 4 | إن كل نفس لما عليها حافظ |
| | | (इस बात की क़सम) कि कोई शख़्श ऐसा नहीं जिस पर निगेहबान मुक़र्रर नहीं |
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5936 | 86 | 5 | فلينظر الإنسان مم خلق |
| | | तो इन्सान को देखना चाहिए कि वह किस चीज़ से पैदा हुआ हैं |
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5937 | 86 | 6 | خلق من ماء دافق |
| | | वह उछलते हुए पानी (मनी) से पैदा हुआ है |
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