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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5897 | 84 | 13 | إنه كان في أهله مسرورا |
| | | ये शख़्श तो अपने लड़के बालों में मस्त रहता था |
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5898 | 84 | 14 | إنه ظن أن لن يحور |
| | | और समझता था कि कभी (ख़ुदा की तरफ) फिर कर जाएगा ही नहीं |
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5899 | 84 | 15 | بلى إن ربه كان به بصيرا |
| | | हाँ उसका परवरदिगार यक़ीनी उसको देख भाल कर रहा है |
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5900 | 84 | 16 | فلا أقسم بالشفق |
| | | तो मुझे शाम की मुर्ख़ी की क़सम |
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5901 | 84 | 17 | والليل وما وسق |
| | | और रात की और उन चीज़ों की जिन्हें ये ढाँक लेती है |
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5902 | 84 | 18 | والقمر إذا اتسق |
| | | और चाँद की जब पूरा हो जाए |
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5903 | 84 | 19 | لتركبن طبقا عن طبق |
| | | कि तुम लोग ज़रूर एक सख्ती के बाद दूसरी सख्ती में फँसोगे |
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5904 | 84 | 20 | فما لهم لا يؤمنون |
| | | तो उन लोगों को क्या हो गया है कि ईमान नहीं ईमान नहीं लाते |
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5905 | 84 | 21 | وإذا قرئ عليهم القرآن لا يسجدون |
| | | और जब उनके सामने क़ुरान पढ़ा जाता है तो (ख़ुदा का) सजदा नहीं करते (21) (सजदा) |
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5906 | 84 | 22 | بل الذين كفروا يكذبون |
| | | बल्कि काफ़िर लोग तो (और उसे) झुठलाते हैं |
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