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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5886 | 84 | 2 | وأذنت لربها وحقت |
| | | और वह अपने रब की सुनेगा, और उसे यही चाहिए भी |
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5887 | 84 | 3 | وإذا الأرض مدت |
| | | जब धरती फैला दी जाएगी |
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5888 | 84 | 4 | وألقت ما فيها وتخلت |
| | | और जो कुछ उसके भीतर है उसे बाहर डालकर खाली हो जाएगी |
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5889 | 84 | 5 | وأذنت لربها وحقت |
| | | और वह अपने रब की सुनेगी, और उसे यही चाहिए भी |
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5890 | 84 | 6 | يا أيها الإنسان إنك كادح إلى ربك كدحا فملاقيه |
| | | ऐ मनुष्य! तू मशक़्क़त करता हुआ अपने रब ही की ओर खिंचा चला जा रहा है और अन्ततः उससे मिलने वाला है |
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5891 | 84 | 7 | فأما من أوتي كتابه بيمينه |
| | | फिर जिस किसी को उसका कर्म-पत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, |
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5892 | 84 | 8 | فسوف يحاسب حسابا يسيرا |
| | | तो उससे आसान, सरसरी हिसाब लिया जाएगा |
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5893 | 84 | 9 | وينقلب إلى أهله مسرورا |
| | | और वह अपने लोगों की ओर ख़ुश-ख़ुश पलटेगा |
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5894 | 84 | 10 | وأما من أوتي كتابه وراء ظهره |
| | | और रह वह व्यक्ति जिसका कर्म-पत्र (उसके बाएँ हाथ में) उसकी पीठ के पीछे से दिया गया, |
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5895 | 84 | 11 | فسوف يدعو ثبورا |
| | | तो वह विनाश (मृत्यु) को पुकारेगा, |
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