بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
588495لا يستوي القاعدون من المؤمنين غير أولي الضرر والمجاهدون في سبيل الله بأموالهم وأنفسهم فضل الله المجاهدين بأموالهم وأنفسهم على القاعدين درجة وكلا وعد الله الحسنى وفضل الله المجاهدين على القاعدين أجرا عظيما
ईमानवालों में से वे लोग जो बिना किसी कारण के बैठे रहते है और जो अल्लाह के मार्ग में अपने धन और प्राणों के साथ जी-तोड़ कोशिश करते है, दोनों समान नहीं हो सकते। अल्लाह ने बैठे रहनेवालों की अपेक्षा अपने धन और प्राणों से जी-तोड़ कोशिश करनेवालों का दर्जा बढ़ा रखा है। यद्यपि प्रत्यके के लिए अल्लाह ने अच्छे बदले का वचन दिया है। परन्तु अल्लाह ने जी-तोड़ कोशिश करनेवालों का बड़ा बदला रखा है
589496درجات منه ومغفرة ورحمة وكان الله غفورا رحيما
उसकी ओर से दर्जे है और क्षमा और दयालुता है। और अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
590497إن الذين توفاهم الملائكة ظالمي أنفسهم قالوا فيم كنتم قالوا كنا مستضعفين في الأرض قالوا ألم تكن أرض الله واسعة فتهاجروا فيها فأولئك مأواهم جهنم وساءت مصيرا
जो लोग अपने-आप पर अत्याचार करते है, जब फ़रिश्ते उस दशा में उनके प्राण ग्रस्त कर लेते है, तो कहते है, "तुम किस दशा में पड़े रहे?" वे कहते है, "हम धरती में निर्बल और बेबस थे।" फ़रिश्ते कहते है, "क्या अल्लाह की धरती विस्तृत न थी कि तुम उसमें घर-बार छोड़कर कहीं ओर चले जाते?" तो ये वही लोग है जिनका ठिकाना जहन्नम है। - और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है
591498إلا المستضعفين من الرجال والنساء والولدان لا يستطيعون حيلة ولا يهتدون سبيلا
सिवाय उन बेबस पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों के जिनके बस में कोई उपाय नहीं और न कोई राह पा रहे है;
592499فأولئك عسى الله أن يعفو عنهم وكان الله عفوا غفورا
तो सम्भव है कि अल्लाह ऐसे लोगों को छोड़ दे; क्योंकि अल्लाह छोड़ देनेवाला और बड़ा क्षमाशील है
5934100ومن يهاجر في سبيل الله يجد في الأرض مراغما كثيرا وسعة ومن يخرج من بيته مهاجرا إلى الله ورسوله ثم يدركه الموت فقد وقع أجره على الله وكان الله غفورا رحيما
जो कोई अल्लाह के मार्ग में घरबार छोड़कर निकलेगा, वह धरती में शरण लेने की बहुत जगह और समाई पाएगा, और जो कोई अपने घर में सब कुछ छोड़कर अल्लाह और उसके रसूल की ओर निकले और उसकी मृत्यु हो जाए, तो उसका प्रतिदान अल्लाह के ज़िम्मे हो गया। अल्लाह बहुत क्षमाशील, दयावान है
5944101وإذا ضربتم في الأرض فليس عليكم جناح أن تقصروا من الصلاة إن خفتم أن يفتنكم الذين كفروا إن الكافرين كانوا لكم عدوا مبينا
और जब तुम धरती में यात्रा करो, तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं कि नमाज़ को कुछ संक्षिप्त कर दो; यदि तुम्हें इस बात का भय हो कि विधर्मी लोग तुम्हें सताएँगे और कष्ट पहुँचाएँगे। निश्चय ही विधर्मी लोग तुम्हारे खुले शत्रु है
5954102وإذا كنت فيهم فأقمت لهم الصلاة فلتقم طائفة منهم معك وليأخذوا أسلحتهم فإذا سجدوا فليكونوا من ورائكم ولتأت طائفة أخرى لم يصلوا فليصلوا معك وليأخذوا حذرهم وأسلحتهم ود الذين كفروا لو تغفلون عن أسلحتكم وأمتعتكم فيميلون عليكم ميلة واحدة ولا جناح عليكم إن كان بكم أذى من مطر أو كنتم مرضى أن تضعوا أسلحتكم وخذوا حذركم إن الله أعد للكافرين عذابا مهينا
और जब तुम उनके बीच हो और (लड़ाई की दशा में) उन्हें नमाज़ पढ़ाने के लिए खड़े हो, जो चाहिए कि उनमें से एक गिरोह के लोग तुम्हारे साथ खड़े हो जाएँ और अपने हथियार साथ लिए रहें, और फिर जब वे सजदा कर लें तो उन्हें चाहिए कि वे हटकर तुम्हारे पीछे हो जाएँ और दूसरे गिरोंह के लोग, जिन्होंने अभी नमाज़ नही पढ़ी, आएँ और तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े, और उन्हें भी चाहिए कि वे भी अपने बचाव के सामान और हथियार लिए रहें। विधर्मी चाहते ही है कि वे भी अपने हथियारों और सामान से असावधान हो जाओ तो वे तुम पर एक साथ टूट पड़े। यदि वर्षा के कारण तुम्हें तकलीफ़ होती हो या तुम बीमार हो, तो तुम्हारे लिए कोई गुनाह नहीं कि अपने हथियार रख दो, फिर भी अपनी सुरक्षा का सामान लिए रहो। अल्लाह ने विधर्मियों के लिए अपमानजनक यातना तैयार कर रखी है
5964103فإذا قضيتم الصلاة فاذكروا الله قياما وقعودا وعلى جنوبكم فإذا اطمأننتم فأقيموا الصلاة إن الصلاة كانت على المؤمنين كتابا موقوتا
फिर जब तुम नमाज़ अदा कर चुको तो खड़े, बैठे या लेटे अल्लाह को याद करते रहो। फिर जब तुम्हें इतमीनान हो जाए तो विधिवत रूप से नमाज़ पढ़ो। निस्संदेह ईमानवालों पर समय की पाबन्दी के साथ नमाज़ पढना अनिवार्य है
5974104ولا تهنوا في ابتغاء القوم إن تكونوا تألمون فإنهم يألمون كما تألمون وترجون من الله ما لا يرجون وكان الله عليما حكيما
और उन लोगों का पीछा करने में सुस्ती न दिखाओ। यदि तुम्हें दुख पहुँचता है; तो उन्हें भी दुख पहुँचता है, जिस तरह तुमको दुख पहुँचता है। और तुम अल्लाह से उस चीज़ की आशा करते हो, जिस चीज़ की वे आशा नहीं करते। अल्लाह तो सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है


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