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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5831 | 82 | 2 | وإذا الكواكب انتثرت |
| | | और जबकि तारे बिखर जाएँगे |
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5832 | 82 | 3 | وإذا البحار فجرت |
| | | और जबकि समुद्र बह पड़ेंगे |
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5833 | 82 | 4 | وإذا القبور بعثرت |
| | | और जबकि क़बें उखेड़ दी जाएँगी |
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5834 | 82 | 5 | علمت نفس ما قدمت وأخرت |
| | | तब हर व्यक्ति जान लेगा जिसे उसने प्राथमिकता दी और पीछे डाला |
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5835 | 82 | 6 | يا أيها الإنسان ما غرك بربك الكريم |
| | | ऐ मनुष्य! किस चीज़ ने तुझे अपने उदार प्रभु के विषय में धोखे में डाल रखा हैं? |
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5836 | 82 | 7 | الذي خلقك فسواك فعدلك |
| | | जिसने तेरा प्रारूप बनाया, फिर नख-शिख से तुझे दुरुस्त किया और तुझे संतुलन प्रदान किया |
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5837 | 82 | 8 | في أي صورة ما شاء ركبك |
| | | जिस रूप में चाहा उसने तुझे जोड़कर तैयार किया |
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5838 | 82 | 9 | كلا بل تكذبون بالدين |
| | | कुछ नहीं, बल्कि तुम बदला दिए जाने का झुठलाते हो |
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5839 | 82 | 10 | وإن عليكم لحافظين |
| | | जबकि तुमपर निगरानी करनेवाले नियुक्त हैं |
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5840 | 82 | 11 | كراما كاتبين |
| | | प्रतिष्ठित लिपिक |
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