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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5818 | 81 | 18 | والصبح إذا تنفس |
| | | और सुबह की क़सम जब रौशन हो जाए |
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5819 | 81 | 19 | إنه لقول رسول كريم |
| | | कि बेशक यें (क़ुरान) एक मुअज़िज़ फरिश्ता (जिबरील की ज़बान का पैग़ाम है |
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5820 | 81 | 20 | ذي قوة عند ذي العرش مكين |
| | | जो बड़े क़वी अर्श के मालिक की बारगाह में बुलन्द रुतबा है |
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5821 | 81 | 21 | مطاع ثم أمين |
| | | वहाँ (सब फरिश्तों का) सरदार अमानतदार है |
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5822 | 81 | 22 | وما صاحبكم بمجنون |
| | | और (मक्के वालों) तुम्हारे साथी मोहम्मद दीवाने नहीं हैं |
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5823 | 81 | 23 | ولقد رآه بالأفق المبين |
| | | और बेशक उन्होनें जिबरील को (आसमान के) खुले (शरक़ी) किनारे पर देखा है |
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5824 | 81 | 24 | وما هو على الغيب بضنين |
| | | और वह ग़ैब की बातों के ज़ाहिर करने में बख़ील नहीं |
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5825 | 81 | 25 | وما هو بقول شيطان رجيم |
| | | और न यह मरदूद शैतान का क़ौल है |
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5826 | 81 | 26 | فأين تذهبون |
| | | फिर तुम कहाँ जाते हो |
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5827 | 81 | 27 | إن هو إلا ذكر للعالمين |
| | | ये सारे जहॉन के लोगों के लिए बस नसीहत है |
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