بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
582489ودوا لو تكفرون كما كفروا فتكونون سواء فلا تتخذوا منهم أولياء حتى يهاجروا في سبيل الله فإن تولوا فخذوهم واقتلوهم حيث وجدتموهم ولا تتخذوا منهم وليا ولا نصيرا
वे तो चाहते है कि जिस प्रकार वे स्वयं अधर्मी है, उसी प्रकार तुम भी अधर्मी बनकर उन जैसे हो जाओ; तो तुम उनमें से अपने मित्र न बनाओ, जब तक कि वे अल्लाह के मार्ग में घरबार न छोड़े। फिर यदि वे इससे पीठ फेरें तो उन्हें पकड़ो, और उन्हें क़त्ल करो जहाँ कही भी उन्हें पाओ - तो उनमें से किसी को न अपना मित्र बनाना और न सहायक -
583490إلا الذين يصلون إلى قوم بينكم وبينهم ميثاق أو جاءوكم حصرت صدورهم أن يقاتلوكم أو يقاتلوا قومهم ولو شاء الله لسلطهم عليكم فلقاتلوكم فإن اعتزلوكم فلم يقاتلوكم وألقوا إليكم السلم فما جعل الله لكم عليهم سبيلا
सिवाय उन लोगों के जो ऐसे लोगों से सम्बन्ध रखते हों, जिनसे तुम्हारे और उनकी बीच कोई समझौता हो या वे तुम्हारे पास इस दशा में आएँ कि उनके दिल इससे तंग हो रहे हों कि वे तुमसे लड़े या अपने लोगों से लड़ाई करें। यदि अल्लाह चाहता तो उन्हें तुमपर क़ाबू दे देता। फिर तो वे तुमसे अवश्य लड़ते; तो यदि वे तुमसे अलग रहें और तुमसे न लड़ें और संधि के लिए तुम्हारी ओर हाथ बढ़ाएँ तो उनके विरुद्ध अल्लाह ने तुम्हारे लिए कोई रास्ता नहीं रखा है
584491ستجدون آخرين يريدون أن يأمنوكم ويأمنوا قومهم كل ما ردوا إلى الفتنة أركسوا فيها فإن لم يعتزلوكم ويلقوا إليكم السلم ويكفوا أيديهم فخذوهم واقتلوهم حيث ثقفتموهم وأولئكم جعلنا لكم عليهم سلطانا مبينا
अब तुम कुछ ऐसे लोगों को भी पाओगे, जो चाहते है कि तुम्हारी ओर से निश्चिन्त होकर रहें और अपने लोगों की ओर से भी निश्चिन्त होकर रहे। परन्तु जब भी वे फ़साद और उपद्रव की ओर फेरे गए तो वे उसी में औधे जो गिरे। तो यदि वे तुमसे अलग-थलग न रहें और तुम्हारी ओर सुलह का हाथ न बढ़ाएँ, और अपने हाथ न रोकें, तो तुम उन्हें पकड़ो और क़त्ल करो, जहाँ कहीं भी तुम उन्हें पाओ। उनके विरुद्ध हमने तुम्हें खुला अधिकार दे रखा है
585492وما كان لمؤمن أن يقتل مؤمنا إلا خطأ ومن قتل مؤمنا خطأ فتحرير رقبة مؤمنة ودية مسلمة إلى أهله إلا أن يصدقوا فإن كان من قوم عدو لكم وهو مؤمن فتحرير رقبة مؤمنة وإن كان من قوم بينكم وبينهم ميثاق فدية مسلمة إلى أهله وتحرير رقبة مؤمنة فمن لم يجد فصيام شهرين متتابعين توبة من الله وكان الله عليما حكيما
किसी ईमानवाले का यह काम नहीं कि वह किसी ईमानवाले का हत्या करे, भूल-चूक की बात और है। और यदि कोई क्यक्ति यदि ग़लती से किसी ईमानवाले की हत्या कर दे, तो एक मोमिन ग़ुलाम को आज़ाद करना होगा और अर्थदंड उस (मारे गए क्यक्ति) के घरवालों को सौंपा जाए। यह और बात है कि वे अपनी ख़ुशी से छोड़ दें। और यदि वह उन लोगों में से हो, जो तुम्हारे शत्रु हों और वह (मारा जानेवाला) स्वयं मोमिन रहा तो एक मोमिन को ग़ुलामी से आज़ाद करना होगा। और यदि वह उन लोगों में से हो कि तुम्हारे और उनके बीच कोई संधि और समझौता हो, तो अर्थदंड उसके घरवालों को सौंपा जाए और एक मोमिन को ग़ुलामी से आज़ाद करना होगा। लेकिन जो (ग़ुलाम) न पाए तो वह निरन्तर दो मास के रोज़े रखे। यह अल्लाह की ओर से निश्चित किया हुआ उसकी तरफ़ पलट आने का तरीक़ा है। अल्लाह तो सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है
586493ومن يقتل مؤمنا متعمدا فجزاؤه جهنم خالدا فيها وغضب الله عليه ولعنه وأعد له عذابا عظيما
और जो व्यक्ति जान-बूझकर किसी मोमिन की हत्या करे, तो उसका बदला जहन्नम है, जिसमें वह सदा रहेगा; उसपर अल्लाह का प्रकोप और उसकी फिटकार है और उसके लिए अल्लाह ने बड़ी यातना तैयार कर रखी है
587494يا أيها الذين آمنوا إذا ضربتم في سبيل الله فتبينوا ولا تقولوا لمن ألقى إليكم السلام لست مؤمنا تبتغون عرض الحياة الدنيا فعند الله مغانم كثيرة كذلك كنتم من قبل فمن الله عليكم فتبينوا إن الله كان بما تعملون خبيرا
ऐ ईमान लानेवालो! जब तुम अल्लाह के मार्ग से निकलो तो अच्छी तरह पता लगा लो और जो तुम्हें सलाम करे, उससे यह न कहो कि तुम ईमान नहीं रखते, और इससे तुम्हारा ध्येय यह हो कि सांसारिक जीवन का माल प्राप्त करो। अल्लाह ने तुमपर उपकार किया, जो अच्छी तरह पता लगा लिया करो। जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है
588495لا يستوي القاعدون من المؤمنين غير أولي الضرر والمجاهدون في سبيل الله بأموالهم وأنفسهم فضل الله المجاهدين بأموالهم وأنفسهم على القاعدين درجة وكلا وعد الله الحسنى وفضل الله المجاهدين على القاعدين أجرا عظيما
ईमानवालों में से वे लोग जो बिना किसी कारण के बैठे रहते है और जो अल्लाह के मार्ग में अपने धन और प्राणों के साथ जी-तोड़ कोशिश करते है, दोनों समान नहीं हो सकते। अल्लाह ने बैठे रहनेवालों की अपेक्षा अपने धन और प्राणों से जी-तोड़ कोशिश करनेवालों का दर्जा बढ़ा रखा है। यद्यपि प्रत्यके के लिए अल्लाह ने अच्छे बदले का वचन दिया है। परन्तु अल्लाह ने जी-तोड़ कोशिश करनेवालों का बड़ा बदला रखा है
589496درجات منه ومغفرة ورحمة وكان الله غفورا رحيما
उसकी ओर से दर्जे है और क्षमा और दयालुता है। और अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
590497إن الذين توفاهم الملائكة ظالمي أنفسهم قالوا فيم كنتم قالوا كنا مستضعفين في الأرض قالوا ألم تكن أرض الله واسعة فتهاجروا فيها فأولئك مأواهم جهنم وساءت مصيرا
जो लोग अपने-आप पर अत्याचार करते है, जब फ़रिश्ते उस दशा में उनके प्राण ग्रस्त कर लेते है, तो कहते है, "तुम किस दशा में पड़े रहे?" वे कहते है, "हम धरती में निर्बल और बेबस थे।" फ़रिश्ते कहते है, "क्या अल्लाह की धरती विस्तृत न थी कि तुम उसमें घर-बार छोड़कर कहीं ओर चले जाते?" तो ये वही लोग है जिनका ठिकाना जहन्नम है। - और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है
591498إلا المستضعفين من الرجال والنساء والولدان لا يستطيعون حيلة ولا يهتدون سبيلا
सिवाय उन बेबस पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों के जिनके बस में कोई उपाय नहीं और न कोई राह पा रहे है;


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