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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5809 | 81 | 9 | بأي ذنب قتلت |
| | | कि उसकी हत्या किस गुनाह के कारण की गई, |
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5810 | 81 | 10 | وإذا الصحف نشرت |
| | | और जब कर्म-पत्र फैला दिए जाएँगे, |
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5811 | 81 | 11 | وإذا السماء كشطت |
| | | और जब आकाश की खाल उतार दी जाएगी, |
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5812 | 81 | 12 | وإذا الجحيم سعرت |
| | | जब जहन्नम को दहकाया जाएगा, |
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5813 | 81 | 13 | وإذا الجنة أزلفت |
| | | और जब जन्नत निकट कर दी जाएगी, |
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5814 | 81 | 14 | علمت نفس ما أحضرت |
| | | तो कोई भी क्यक्ति जान लेगा कि उसने क्या उपस्थित किया है |
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5815 | 81 | 15 | فلا أقسم بالخنس |
| | | अतः नहीं! मैं क़सम खाता हूँ पीछे हटनेवालों की, |
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5816 | 81 | 16 | الجوار الكنس |
| | | चलनेवालों, छिपने-दुबकने-वालों की |
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5817 | 81 | 17 | والليل إذا عسعس |
| | | साक्षी है रात्रि जब वह प्रस्थान करे, |
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5818 | 81 | 18 | والصبح إذا تنفس |
| | | और साक्षी है प्रातः जब वह साँस ले |
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